1. हिन्दी समाचार
  2. ख़बरें जरा हटके
  3. बिहार के इस जिले में 15 नहीं 14 अगस्त की आधी रात को फहराया जाता है तिरंगा, जानें इसके पीछे जुड़ी रोचक कहानी

बिहार के इस जिले में 15 नहीं 14 अगस्त की आधी रात को फहराया जाता है तिरंगा, जानें इसके पीछे जुड़ी रोचक कहानी

देश की आजादी से जुड़ी कई कहानियां है। इन्हीं में से एक रोचक किस्सा बिहार के पूर्णिया जिले (Purnia District) में एक ऐसी जगह है जहां 15 अगस्त नहीं बल्कि 14 अगस्त की रात ही तिरंगा फहराया जाता है। देश 15 अगस्त को भारत 78वां स्वतंत्रता दिवस (78th Independence Day) मनाने जा रहा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश की आजादी से जुड़ी कई कहानियां है। इन्हीं में से एक रोचक किस्सा बिहार के पूर्णिया जिले (Purnia District) में एक ऐसी जगह है जहां 15 अगस्त नहीं बल्कि 14 अगस्त की रात ही तिरंगा फहराया जाता है। देश 15 अगस्त को भारत 78वां स्वतंत्रता दिवस (78th Independence Day) मनाने जा रहा है। इस पूरे देश में सुबह तिरंगा फहराया जाएगा। बाघा बॉर्डर (Bagha Border) में भी ठीक रात 12 बजे ही झंडा फहराने की परंपरा है। हालांकि पूर्णिया में रात को झंडा फहराने के पीछे आजादी से जुड़ी एक रोचक कहानी है। पूर्णिया झंडा चौक पर लोग 14 अगस्त की रात 12 बजे झंडा फहराकर आजादी का उत्सव मनाते हैं और मिठाईयां बांटते हैं।

पढ़ें :- चिराग पासवान की पार्टी के जिलाध्यक्ष ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर किया दुष्कर्म, पुलिस ने पाॅक्सो एक्ट में किया गिरफ्तार

यह किस्सा स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)  की रात का है। लोग हर दिन देश के आजाद होने का इंतजार करते थे, आखिर वो समय आ गया जब देश की आजादी घोषणा होने वाली थी। 14 अगस्त 1947 के दिन पूर्णिया के लोग आजादी की खबर सुनने के लिए बेचैन थे। झंडा चौक (Jhanda Chowk) स्थित मिश्रा रेडियो की दुकान पर दिनभर भीड़ लगी रही, लेकिन काफी देर बाद भी आजादी की खबर रेडियो पर नहीं आयी। लोग घर लौट आए, मगर मिश्रा रेडियो की दुकान खुली रही।

बताते हैं कि रात के तकरीबन 11 बज चुके थे। उस वक्त पूर्णिया के झंडा चौक (Jhanda Chowk) पर मिश्रा रेडियो की दुकान पर रामेश्वर प्रसाद सिंह, रामजतन साह, कमल देव नारायण सिन्हा, गणेश चंद्र दास और उनके सहयोगी दुकान पर पहुंचे। सभी के कहने पर रेडियो खोला गया। रेडियो खुलते ही लॉर्ड माउंटबेटन (Lord Mountbatten) की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनते ही लोग खुशी से उछल पड़े। लॉर्ड माउंटबेटन (Lord Mountbatten) ने घोषणा की थी कि देश आजाद हो गया। यह खुशखबरी सुनते ही सभी लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी।

लोगों ने पूर्णिया के उसी चौक पर झंडा फहराने का विचार किया गया। आनन-फानन में बांस, रस्सी और तिरंगा झंडा मंगवाया गया। 14 अगस्त 1947 की रात 12: 01 बजे स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह ने तिरंगा फहराया। उसी रात इस चौराहा का नाम झंडा चौक रखा गया। बता दें कि देश में बाघा बॉर्डर पर भी रात के वक्त ही झंडा फहराया जाता है।

पढ़ें :- CJI सूर्यकांत का दो टूक आदेश, बोले-मंदिर का पैसा भगवान का है, घाटे में डूबे बैंकों के लिए नहीं हो सकता इस्तेमाल
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...