तरिक्ष जगत (Space world) में भारत एक और कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी में है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग (Chandrayaan-3 launching) शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा से की जाएगी। यह चंद्रयान-2 मिशन का ही फॉलोअप है।
Chandrayaan-3 : अंतरिक्ष जगत (Space world) में भारत एक और कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी में है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग (Chandrayaan-3 launching) शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा से की जाएगी। यह चंद्रयान-2 मिशन (Chandrayaan-2 mission) का ही फॉलोअप है। इसके तहत लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। इसके अलावा रोवर को सतह पर चलाकर देखा जाएगा। वहीं, लैंडर को चांद की सतह पर उतारना सबसे जटिल प्रक्रिया पर वैज्ञानिकों और पूरे देश की नजरें टिकी होंगी।
चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर (Orbiter) नहीं भेजा जाएगा, बल्कि इस बार स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल (Indigenous Propulsion Module) भेजा रहा है जोकि चंद्रमा के चारों ओर 100 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में चक्कर लगाएंगे। इस मिशन के सफल होने के साथ भारत दुनिया के टॉप 4 देशों में शामिल हो जाएगा, जो चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग (Landing on the surface of the moon) कर चुके हैं। अभी तक अमेरिका (America), रूस (Russia) और चीन (China) यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।
भारत के चन्द्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। अमेरिकी मीडिया (US Media) ने भारतीय तकनीक के जरिए ही इस मिशन को अंजाम देने को भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के लिए स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (Lander Module), प्रोपल्सन मॉड्यूल (Propulsion Module) और रोवर (Rover) का ही इस्तेमाल किया गया है। चंद्रमा की सतह पर लैंडर को उतारा जाएगा और फिर उसके जरिए रोवर को कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके माध्यम से चांद की सतह का अध्ययन हो सकेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए LVM3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया जाएगा। जोकि भारी सैटेलाइट्स (Satellites) को भी अंतरिक्ष में छोड़ने में सक्षम है। LVM3 लॉन्चर 43.5 मीटर यानी करीब 143 फीट ऊंचा है और 642 टन इसका वजन है। यह LVM-3 रॉकेट की चौथी उड़ान होगी। इससे पहले चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग भी इसके माध्यम से ही की गई थी।