भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए (Indigenous Fighter Jet Tejas MK1A) ने आज अपनी पहली उड़ान भरी। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited) के नासिक स्थित एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग डिविजन (Aircraft Manufacturing Division) में यह उड़ान हुई। भारत में लड़ाकू विमान निर्माण की दिशा में यह अहम पल है।
पटना। भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए (Indigenous Fighter Jet Tejas MK1A) ने आज अपनी पहली उड़ान भरी। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited) के नासिक स्थित एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग डिविजन (Aircraft Manufacturing Division) में यह उड़ान हुई। भारत में लड़ाकू विमान निर्माण की दिशा में यह अहम पल है। इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) आज एलसीए एमके1ए (LCA Mk1A) की तीसरी प्रोडक्शन लाइन और साथ ही एचटीटी-40 एयरक्राफ्ट (HTT-40 Aircraft) की दूसरी प्रोडक्शन लाइन का भी उद्घाटन करेंगे।
ये उड़ान, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल : राजनाथ सिंह
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने कहा कि आज, एचएएल (HAL) की तीसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन हो रहा है, जो एलसीए एमके1ए तेजस बनाती है और एचटीटी (HTT)40 विमान की दूसरी उत्पादन लाइन है। मैं एचएएल (HAL) में सभी को बधाई देता हूं। नासिक एक ऐतिहासिक भूमि है जहां भगवान शिव त्र्यंबक के रूप में निवास करते हैं। नासिक आस्था, भक्ति, आत्मनिर्भरता और क्षमता का प्रतीक बन गया है। यहां एचएएल देश की रक्षा ताकत का प्रतिनिधित्व करता है। जब मैंने आज सुखोई Su-30, एलसीए तेजस और HTT-40 को उड़ान भरते देखा, तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया। ये उड़ान, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल है। एचएएल (HAL) ने भारत के लिए एक मजबूत स्तंभ के रूप में काम किया है। 60 से अधिक वर्षों से, एचएएल नासिक ने भारत की रक्षा निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है दूसरी ओर, यह विनाश का भी प्रतिनिधित्व करता है और इसमें शत्रुओं को समाप्त करने की शक्ति होती है।’
‘घरेलू विनिर्माण 100 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य’
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि एक समय था जब देश अपनी रक्षा जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था और लगभग 65-70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किए जाते थे लेकिन आज, यह स्थिति बदल गई है। अब भारत 65 प्रतिशत विनिर्माण अपनी धरती पर कर रहा है। बहुत जल्द, हम अपने घरेलू विनिर्माण को भी 100 प्रतिशत तक ले जाएंगे।’ राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो कुछ साल पहले एक हजार करोड़ रुपये से भी कम था। रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘हमने अब 2029 तक घरेलू रक्षा विनिर्माण में तीन लाख करोड़ रुपये और रक्षा निर्यात में 50 हजार करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है।’
अगले चार साल में वायुसेना को 83 लड़ाकू विमान देने का लक्ष्य
तेजस एमके1ए को वायुसेना में शामिल करने की तारीखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन एचएएल का कहना है कि आने वाले चार वर्षों में भारतीय वायुसेना को 83 तेजस मार्क1ए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जाएगी। अमेरिकी इंजन की आपूर्ति में देरी की वजह से पहले ही देरी हो रही है। नासिक स्थित एचएएल की एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग डिविजन में हर साल आठ लड़ाकू विमानों का निर्माण करने की क्षमता है। इसके अलावा बंगलूरू में तेजस की दो प्रोडक्शन लाइन स्थित हैं, जहां हर साल 16 लड़ाकू विमान बनाए जा रहे हैं। इस तरह नासिक की प्रोडक्शन लाइन शुरू होने के बाद हर साल 24 लड़ाकू विमानों का निर्माण होगा।
उन्नत, बहुउद्देश्यीय है तेजस एमके1ए लड़ाकू विमान
तेजस मार्क 1A संस्करण एक उन्नत, बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। यह स्वदेशी 4.5-पीढ़ी का विमान है, जो सभी मौसमों में काम करने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया गया है। ये लड़ाकू विमान उच्च-खतरे वाले हवाई वातावरण में तैनाती के लिए डिजाइन किए गए हैं। तेजस Mk-1A में तेजस Mk-1 संस्करण की तुलना में कई उन्नत सुविधाएं हैं, जिनमें इस्राइली EL/M-2025 AESA रडार, जैमर युक्त उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) क्षमताएं शामिल हैं।