मुख्यमंत्री ने कहा कि, लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा को पूरे लखनऊ जनपद तक विस्तार दिया जाए। इसके अतिरिक्त, स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन हो रहा है। इन प्रयासों से राज्य राजधानी क्षेत्र में सुनियोजित और सुस्थिर विकास को गति मिलेगी। लैंड यूज के बारे में जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति आसानी से किसी भूमि की स्थिति जान सके। हर खसरे के बारे में अपडेट जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होनी चाहिए।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में जनपद वाराणसी (रामनगर), मुरादाबाद, हापुड़, रायबरेली, बरेली और लखनऊ की महायोजना-2031 का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर यथाशीघ्र महायोजना को लागू किया जाए। बहुत से गांव अब नगरीय महायोजना का हिस्सा बने हैं। यह ध्यान रखा जाए कि इन गांवों को ग्रीन लैंड के रूप में घोषित न किया जाए। आबादी की भूमि ग्रीन लैंड नहीं होगी। स्टेट कैपिटल रीजन की तर्ज पर जनपद वाराणसी को केंद्र में रखते हुए सीमावर्ती जनपदों को जोड़कर एक रीजनल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाना आवश्यक है। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत की जाए।
इसके साथ ही कहा, मुरादाबाद (गजरौला) के नए मास्टर प्लान में औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों को और विस्तार दें, यहां बहुत संभावनाएं हैं। समुचित उपयोग से आर्थिकी में सुधार होगा और रोजगार भी सृजित होगा। गजरौला में नवीन बस टर्मिनल और बाइपास मार्गों की आवश्यकता है, इसे महायोजना में शामिल करें। शुद्ध पेयजल के लिए पाइपलाइन और सीईटीपी की स्थापना भी की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा को पूरे लखनऊ जनपद तक विस्तार दिया जाए। इसके अतिरिक्त, स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन हो रहा है। इन प्रयासों से राज्य राजधानी क्षेत्र में सुनियोजित और सुस्थिर विकास को गति मिलेगी। लैंड यूज के बारे में जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति आसानी से किसी भूमि की स्थिति जान सके। हर खसरे के बारे में अपडेट जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, सभी जनपदों की वर्तमान स्थिति तथा भविष्य की आवश्यकताओं का व्यापक अध्ययन होना चाहिए। सभी जनपदों में कुछ न कुछ खास है, वहां के पोटेंशियल को देखें, उसे प्रोत्साहित करें। महायोजना में इसका ध्यान रखा जाए। स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर विकसित किया जाए। ITI की स्थापना के लिए इंडस्ट्रियल एरिया में स्थान दिया जाए। इससे युवाओं को व्यावहारिक ज्ञान पाने में अधिक सहजता होगी।
साथ ही कहा, विकास प्राधिकरणों को नई संभावनाएं तलाशनी होंगी। नगर निगम अपना दायरा बढ़ाकर आय के नए स्रोत सृजित करें। धार्मिक एवं आध्यत्मिक स्थलों के विकास को महायोजना का हिस्सा बनाएं। इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाले श्रमिकों को समीप में ही आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराने के प्रयास होने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, नगरों में यातायात प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है। इसके लिए हमें ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। टैक्सी-ऑटो स्टैंड और स्ट्रीट वेंडर जोन तय होने चाहिए। इसके लिए महायोजना में स्पष्ट भूमि चिह्नित होनी चाहिए। मल्टीलेवल पार्किंग के लिए उपयुक्त स्थान निर्धारित किया जाए। जनपद रायबरेली में AIIMS की सुविधा है, इसे इस बार महायोजना का हिस्सा बनाएं। नगर में नई टाउनशिप का विकास किया जाना चाहिए। तालाबों/पोखरों व अन्य जलाशयों का संरक्षण किया जाना चाहिए।