अमेरीकन प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। कभी ऑपरेशन सिंदूर का डंका बजते हैं की हमने की भारत और पाक के बीच सीज फायर काराया था तो कभी कुछ और सिर्फ इतना ही नहीं ट्रम्प ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 50 % टैरिफ लगा दिया है। अब इन सभी चीजों को लेकर विदेश मंत्री स जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति को करारा जवाब दिया है।अब इन सभी चीजों का जवाब विदेश मंत्री स जयशंकर के अमेरिकी राष्ट्रपति को दिया।विदेश मंत्री ने इसपर खुलकर चर्चा किया उन्होने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर (India-Pakstan Ceasefire) कराने के ट्रंप के दावे पर भी अमेरिकी राष्ट्रपति का आईना दिखाया है और कहा है।
अमेरीकन प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। कभी ऑपरेशन सिंदूर का डंका बजते हैं की हमने की भारत और पाक के बीच सीज फायर काराया था तो कभी कुछ और सिर्फ इतना ही नहीं ट्रम्प ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 50 % टैरिफ लगा दिया है। अब इन सभी चीजों का जवाब विदेश मंत्री स जयशंकर के अमेरिकी राष्ट्रपति को दिया।विदेश मंत्री ने इसपर खुलकर चर्चा किया उन्होने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर (India-Pakstan Ceasefire) कराने के ट्रंप के दावे पर भी अमेरिकी राष्ट्रपति का आईना दिखाया है और कहा है कि देश में एक राष्ट्रीय सहमति है कि हम पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, ‘बातचीत (भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता) अभी भी जारी है. लेकिन, मूल बात यह है कि हमारे सामने कुछ लाल रेखाएं हैं. बातचीत अभी भी इस मायने में चल रही है कि किसी ने भी यह नहीं कहा कि बातचीत बंद है. लोग एक-दूसरे से बात करते हैं. ऐसा नहीं है कि कोई ‘कुट्टी’ है… जहां तक हमारा सवाल है, रेड लाइन मुख्य रूप से हमारे किसानों और कुछ हद तक हमारे छोटे उत्पादकों के हित हैं. हम एक सरकार के रूप में अपने किसानों और अपने छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम इस पर बहुत दृढ़ हैं. यह ऐसा कुछ नहीं है जिस पर हम समझौता कर सकें.’
अब तक नहीं देखा ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति: एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में कहा, ‘अब तक हमने ऐसा कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं देखा है, जिसने विदेश नीति को वर्तमान राष्ट्रपति की तरह सार्वजनिक रूप से संचालित किया हो. यह अपने आप में एक बदलाव है, जो केवल भारत तक ही सीमित नहीं है. राष्ट्रपति ट्रंप का दुनिया के साथ व्यवहार करने का तरीका, यहां तक कि अपने देश के साथ व्यवहार करने का तरीका पारंपरिक रूढ़िवादी तरीके से बहुत बड़ा बदलाव है.’