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देश में Caste Census कराने की विपक्ष की मांग का जेडीयू ने किया समर्थन, एनडीए की मुश्किलें बढ़नी तय

देश में जातिगत जनणगना (Caste Census) कराने की मांग तेज पकड़ती जा रही है। देश के ​मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ अब एनडीए की अहम सहयोगी जेडीयू (JDU) का मिलता नजर आ रहा है। विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए गुरुवार को जेडीयू (JDU) ने गुरुवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति (Parliamentary Committee on Other Backward Classes Welfare) में चर्चा के लिए 'जाति आधारित जनगणना' (Caste Based Census)   को विषय के रूप में शामिल किया जाए।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश में जातिगत जनणगना (Caste Census) कराने की मांग तेज पकड़ती जा रही है। देश के ​मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ अब एनडीए की अहम सहयोगी जेडीयू (JDU) का मिलता नजर आ रहा है। विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए गुरुवार को जेडीयू (JDU) ने गुरुवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति (Parliamentary Committee on Other Backward Classes Welfare) में चर्चा के लिए ‘जाति आधारित जनगणना’ (Caste Based Census)   को विषय के रूप में शामिल किया जाए। डीएमके (DMK) के सदस्य टीआर बालू ने समिति की पहली बैठक में यह मुद्दा उठाया। भाजपा सदस्य गणेश सिंह (BJP member Ganesh Singh) इस समिति के अध्यक्ष हैं। संसद सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर (Congress member Manikam Tagore) चाहते थे कि समिति चर्चा के लिए सबसे पहले विषय के रूप में ‘जाति आधारित जनगणना’ (Caste Based Census)  को सूचीबद्ध करें।

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टीएमसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने उनका समर्थन किया। सूत्रों ने बताया कि जेडीयू (JDU) सदस्य गिरधारी यादव भी चाहते थे कि समिति द्वारा चर्चा के लिए ‘जाति आधारित जनगणना’ (Caste Based Census)  को भी मुद्दे के तौर पर सूचीबद्ध किया जाए। कल्याण बनर्जी ने मांग की कि समिति ‘जाति आधारित जनगणना’ (Caste Based Census)  कराए जाने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) को पत्र लिखे। भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि आरक्षण के दायरे में अनुबंध और अस्थायी आधार पर की जाने वाली भर्तियां और तदर्थ नियुक्तियों को भी शामिल किया जाना चाहिए। बता दें कि अब तक भाजपा की ओर से देशव्यापी जातिगत जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर संभलकर स्टैंड लिया गया है।

वहीं जेडीयू (JDU) की ओर से लगातार यह मांग उठती रही है कि देश भर में ‘जाति आधारित जनगणना’ (Caste Based Census) कराई जाए। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि जेडीयू (JDU) ने बिहार की सत्ता में आरजेडी (RJD) के साथ रहते हुए राज्य में जातिवार जनगणना (Caste Based Census) कराई थी और उसके आंकड़े भी जारी किए थे। यही नहीं बिहार में उसके बाद ही आरक्षण को बढ़ाने का विधेयक भी पास किया गया था। इसके तहत राज्य में जातिगत आरक्षण को 65 फीसदी करने का फैसला लिया गया, जबकि 10 फीसदी EWS आरक्षण को मिलाकर कुल कोटा 75 फीसदी हो जाता है।

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