केरल सरकार ने राज्य में चल रहे स्पेशल इंटरिम रिविज़न के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में कहा गया है कि जिस तरह से इसे किया जा रहा है वह देश की डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स के लिए सही नहीं है। केरल सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर दिसंबर में लोकल बॉडी इलेक्शन के साथ एसआईआर को जारी रखने की इजाज़त दी गई तो एडमिनिस्ट्रेटिव रुकावट पैदा हो सकती है।
नई दिल्ली। केरल सरकार ने राज्य में चल रहे स्पेशल इंटरिम रिविज़न (Special Interim Revision) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में कहा गया है कि जिस तरह से इसे किया जा रहा है वह देश की डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स के लिए सही नहीं है। केरल सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर दिसंबर में लोकल बॉडी इलेक्शन के साथ एसआईआर को जारी रखने की इजाज़त दी गई तो एडमिनिस्ट्रेटिव (Administrative) रुकावट पैदा हो सकती है। राज्य सरकार ने एसआईआर को तब तक टालने की मांग की जब तक राज्य में लोकल सेल्फ-गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशन्स के लिए चल रहा प्रोसेस पूरा नहीं हो जाता है।
केरल सरकार की ओर से दाखिल की गई याचिका याचिका में कहा गया है कि लोकल बॉडी इलेक्शन के साथ SIR कराने से एडमिनिस्ट्रेटिव दिक्कतें पैदा होंगी और लोकल इलेक्शन के सुचारू संचालन में रुकावट आ सकती है। याचिका में कहा गया है कि इसके अलावा इससे राज्य में एडमिनिस्ट्रेटिव रुकावट पैदा हो सकती है।प्रतिवादी 1 से 3 (पोल पैनल) को केरल राज्य में इलेक्टोरल रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न को 21 दिसंबर तक टालने का निर्देश दिया जाए। यानी राज्य में लोकल सेल्फ-गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशन्स के 2025 के आम इलेक्शन का प्रोसेस पूरा होने तक। राज्य सरकार ने कहा कि केरल में 1,200 लोकल बॉडी हैं जिनमें 23,612 वार्ड हैं। पिछले चुनाव दिसंबर 2020 में हुए थे। याचिका में कहा गया है कि केरल राज्य चुनाव आयोग ने लोकल बॉडी चुनाव की तारीखें 9 और 11 दिसंबर तय की हैं और वोटों की गिनती 13 दिसंबर से शुरू होनी है। पूरी चुनाव प्रक्रिया 18 दिसंबर तक खत्म होने की उम्मीद है। इसमें आगे बताया गया कि SIR के लिए गिनती की आखिरी तारीख चार दिसंबर तय की गई थी और डिटेल्स 9 दिसंबर तक जमा होने की उम्मीद है। 7 फरवरी, 2026 को फाइनल रिवाइज्ड वोटर रोल के पब्लिकेशन की तारीख तय की गई है। राज्य सरकार ने कहा कि ये टाइमलाइन सीधे लोकल बॉडी चुनाव शेड्यूल से टकराती हैं।