KMC University Lucknow : के एम सी भाषा विश्वविद्यालय (KMC University Lucknow) में शनिवार को आईक्यूएसी (IQAC) द्वारा नैक (NAAC) संबंधी तैयारियों के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता प्रोफेसर राजीव मनोहर (Professor Rajeev Manohar) , निदेशकआइक्यूएसी लखनऊ विश्वविद्यालय (Director IQAC Lucknow University) मौजूद रहे।
KMC University Lucknow : के एम सी भाषा विश्वविद्यालय (KMC University Lucknow) में शनिवार को आईक्यूएसी (IQAC) द्वारा नैक (NAAC) संबंधी तैयारियों के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता प्रोफेसर राजीव मनोहर (Professor Rajeev Manohar) , निदेशक आइक्यूएसी लखनऊ विश्वविद्यालय (Director IQAC Lucknow University) मौजूद रहे।
कार्यक्रम का आरंभ प्रोफ़ेसर सयद हैदर अली, अध्यक्ष आईक्यूएसी के स्वागत भाषण से हुआ । प्रो. मनोहर ने बताया के नैक के अलग-अलग मानदंडों के अनुसार अलग-अलग तैयारियां किस प्रकार की जा सकती है। उन्होंने सभी विभागों तथा उनसे जुड़े शिक्षकों को नैक के संबंध में मांगे जाने वाले दस्तावेजों को बनाते समय रखी जाने वाली सावधानियों और बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे परिवर्तन करके लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) ने नैक में ए प्लस प्लस रैंकिंग (A ++ ranking) हासिल की है , जिस उपलब्धि को भाषा विश्वविद्यालय (Language University) दोहरा सकता है।
उन्होंने बताया कि नजर बदल कर नजरिया किस प्रकार बदला जा सकता है और विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही गतिविधियों को नैक में सफलतापूर्वक दर्शाया जा सकता है। कार्यशाला के दूसरे भाग में उन्होंने अलग अलग क्राइटीरिया को देख रहे प्रभारियों को क्राइटेरिया के मुख्य बिंदुओं से संबंधित दस्तावेज़ों की बारीकियों के बारे में बताया और उनकी समस्याओं का निवारण किया। उनके वक्तव्य के बाद नैक
कमेटी के सदस्य डॉ दोआ नक़वी, डॉ तनु डंग, शान -ए- फ़ातिमा, डॉ नीरज शुक्ल, डॉ रूचिता सुजॉय चौधरी, डॉ आमिना हुसैन एवं डॉ जावेद अख़्तर ने सभी शिक्षकों को उनके क्राइटेरिया के अंतर्गत माँगी गई सूचनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन बी सिंह (University Vice Chancellor Prof N B Singh) ने प्रो राज़ीव मनोहर (Professor Rajeev Manohar) को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए कहा कि इस कार्यशाला से निश्चित रूप से विश्वविद्यालय की नैक रैंकिंग में काफी प्रभाव पड़ेगा। साथ ही उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वह इस कार्यशाला से अधिकतम लाभ प्राप्त करें और नैक में विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग प्राप्त कराने में अपना पूर्ण सहयोग दे।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्रो सौबान सईद, समन्वयक नैक द्वारा दिया गया। विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शोधार्थी अंत तक कार्यक्रम में बने रहे।