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जानें कौन हैं ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कर सुर्खियों में छाने वाले राणा दंपति

महाराष्ट्र में 'लाउडस्पीकर' और 'हनुमान चालीसा पाठ' का मुद्दा राज्य में राजनीति का मुख्य केंद्र बना हुआ है। इस मामले को महत्व मिलना तब से और शुरु हो गया है जब से अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने बाला साहेब ठाकरे के घर 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही है। उनके द्वारा दिये गये इस बयान के बाद शिवसैनिकों की भारी भीड़ उनके घर के बाहर मौजूद है।

By प्रिन्स राज 
Updated Date

मुंबई। महाराष्ट्र में ‘लाउडस्पीकर’ और ‘हनुमान चालीसा पाठ’ का मुद्दा राज्य में राजनीति का मुख्य केंद्र बना हुआ है। इस मामले को महत्व मिलना तब से और शुरु हो गया है जब से अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने बाला साहेब ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही है। उनके द्वारा दिये गये इस बयान के बाद शिवसैनिकों की भारी भीड़ उनके घर के बाहर मौजूद है।

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जहां शिवसैनिक दंपति के द्वारा उठाये जा रहे इस राजनीतिक कदम का विरोध कर रहे हैं। पति और पत्नी ने जब से महराष्ट्र की उद्धव सरकार का विरोध उनके घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ कर के जताने का ऐलान किया है तब से ये राजनीतिक दंपति काफी सुर्खियों में हैं। बहुत सारे लोग अभी तक इन दोनों के नामों से अनजान थे। तो आईये हम जानते हैं कि आखिर ये दंपति ​हैं कौन जो ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कर रहे हैं।

कौन है ये विधायक और सांसद दंपति
बता दें कि रवि राणा और नवनीत राणा दोनों ही महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके से आते हैं। रवि बडनेरा से तीन बार के निर्दलीय विधायक हैं, जबकि नवनीत अमरावती (एससी) सीट से पहली बार सांसद चुनकर आई हैं। 36 साल की नवनीत और उनके पति युवा स्वाभिमान नाम की पार्टी चलाते हैं। रवि ने 2009, 2014 और 2019 में बडनेरा से महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव जीता था। रवि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फर्नडवीस का करीबी बताया जाता है। 2019 में जब महाराष्ट्र में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, तब रवि राणा ने भाजपा के लिए निर्दलीय और छोटे दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश की थी। हालांकि उनकी कोशिश सफल नहीं हो पाई।

निर्दलीय सांसद चुनी गईं हैं नवनीत राणा
नवनीत की बात करें तो राजनीति में आने से पहले वह अभिनेत्री थीं। 2014 में नवनीत ने एनसीपी के टिकट से अमरावती से सांसद का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। साल 2019 में एनसीपी की तरफ़ से उन्हें फिर से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। वह निर्दलीय मैदान में उतरीं और शिवसेना के दिग्गज नेता आनंद अडसुल को हराकर लोकसभा चुनाव जीता।

शादी का किस्सा भी है रोचक
नवनीत और रवि राणा की शादी 3 फरवरी 2011 को हुई थी। उन्होंने एक सामूहिक विवाह समारोह में करीब 3200 जोड़ों के साथ शादी रचाई थी। इस दौरान बाबा रामदेव ने भी उन्हें आकर आशीर्वाद दिया था। बताया जाता है कि नवनीत और रवि की मुलाकात योग गुरू स्वामी रामदेव के आश्रम में ही हुई थी। नवनीत और रवि का एक बेटी और एक बेटा है।

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जानें कहां तक हुई है दोनों की शिक्षा-दीक्षा
अमरावती के शंकरनगर के मूल निवासी रवि राणा ने अमरावती कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हासिल की है। मुंबई के एक पंजाबी परिवार में जन्मी और पली-बढ़ीं नवनीत ने अपनी स्कूली शिक्षा कार्तिका हाई स्कूल से पूरी की। फिर मॉडलिंग की राह पकड़ ली। उन्होंने हिंदी, तेलुगू, कन्नड, मलयालम और पंजाबी फ़िल्मों में काम किया है। कई म्यूजिक वीडियोज में भी वह नजर आई हैं। फीचर फिल्मों में नवनीत ने एक कन्नड़ फिल्म दर्शन के साथ शुरुआत की। उसके बाद उनकी तेलुगु फिल्म सीनू वसंती लक्ष्मी, चेतना, जगपति, गुड बॉय, भूमा और लव इन सिंगापुर जैसी फिल्में आईं। उन्होंने पंजाबी फिल्म लाड गया पेचा में भी काम किया है।

कैरियर का सफरनामा
नवनीत राणा 13 सितंबर 2019 से 13 सितंबर 2020 तक कृषि संबंधी स्थायी समिति की सदस्य रहीं। इसके बाद वह विदेश मामलों की स्थायी समिति और वित्त मंत्रालय व कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की सलाहकार समिति की सदस्य बन गईं। नवनीत राणा की जाति को लेकर भी विवाद हो चुका है। शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने उन पर फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर लोकसभा चुनाव लड़ने का आरोप लगाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट जून 2021 में उनका जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया था। दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।

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