लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर वर्ष 2015 में हुई 300 लैपटॉप की खरीद में प्रबंधन की जांच में तत्कालीन पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रो. डा. आशीष वाखलू दोषी पाए गए। दोषी मिलने पर गुरूवार को चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर आरएएस कुशवाहा ने चौक कोतवाली में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने डा. आशीष वाखलू के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इंस्पेक्टर चौक विश्वजीत सिंह ने बताया कि केजीएमयू ने इस संबंध में जून माह में भी तहरीर दी थी‚ लेकिन फिर प्रबंधन ने पहले अपनी जांच पूरी करने का हवाला देकर तहरीर वापस ले ली थी। इंस्पेक्टर ने बताया कि केजीएमयू के प्रॉक्टर आरएएस कुशवाहा ने कुलसचिव आशुतोष द्विवेदी के पत्र का हवाला देकर तहरीर दी है।
तहरीर के मुताबिक़, किंग जॉर्ज चिकित्सा विवि में सितंबर 2015 में प्रो. आशीष वाखलू पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में थे। उस समय ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर 1‚60‚34100 रुपये में 300 लैपटॉप खरीदे गए थे। आईटी सेल ने प्रति लैपटॉप की दर 43‚447 रुपये बताई थी। प्रो. आशीष वाखलू उस समय आइटी सेल से सचिव भी थे। डॉ. आशीष वाखलू ने यूपीडिस्को एवं अपट्रॉन पवारट्रानिक्स लिमिटेड से कोटेशन लेकर बजट तैयार किया था।
वहीं‚ तत्कालीन कुलपति डॉ. रविकांत से विवि की परीक्षा निधि से अनुमोदन प्राप्त किया। एक सितंबर 2015 को आपूर्ति आदेश जारी किया गया और 18 जनवरी 2016 को लैपटॉप की आपूर्ति कर दी गई। भुगतान सीपीएमटी 2014 निधि से किया गया। वहीं अभिलेख में कटिंग‚ क्रोनोलॉजिकल आर्डर न होना एवं समान पत्रों पर कई टिप्पणियां हैं।
इंस्पेक्टर चौक ने बताया कि केजीएमयू प्रशासन ने दोबारा जांच आख्या के साथ तहरीर गुरूवार को दी थी। उसी के आधार पर प्रो. वाखलू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जांच की जा रही है।