Lata Mangeshkar passes away: भारत रत्न और स्वर कोकिला लता मंगेशकर का रविवार सुबह ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। लता मंगेशकर की तमाम विशेषताओं के बीच निधन के बाद एक और बड़ी बात सामने आई है। ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांसें लेते वक्त भी लता जी मन में संतोष का भाव व चेहरे पर मुस्कान थी। इसके साथ ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।
Lata Mangeshkar passes away: भारत रत्न और स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata mangeshkar) का रविवार सुबह ब्रीच कैंडी अस्पताल (Breach Candy Hospital) में निधन हो गया। लता मंगेशकर की तमाम विशेषताओं के बीच निधन के बाद एक और बड़ी बात सामने आई है। ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांसें लेते वक्त भी लता जी मन में संतोष का भाव व चेहरे पर मुस्कान थी। इसके साथ ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।
ब्रीच कैंडी अस्पताल (Breach Candy Hospital) में आखिरी घड़ी में लता मंगेशकर (Lata mangeshkar) के समीप मौजूद डॉ. प्रतीत समदानी (Dr Pratit Samdani) ने यह दावा किया है। पिछले तीन सालों से लता मंगेशकर (Lata mangeshkar) का इलाज करने वाले डॉक्टर समदानी (Dr Samdani) ने बताया कि जब भी वह बीमार होतीं और उनकी हालत बिगड़ती तो वह उनका इलाज करते थे, लेकिन इस बार उनकी हालत दिनोंदिन गिरती जा रही थी। हालांकि हमने उन्हें बचाने के प्रयास निरंतर जारी रखे, लेकिन दुर्भाग्य से हम उन्हें बचा नहीं सके।
डॉ. समदानी (Dr Samdani) ने यह भी खुलासा किया कि जब भी उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाता था तो वह कहा करती थीं कि ‘सभी की देखभाल समान रूप से होनी चाहिए’। इसके साथ ही वह अपना जो भी इलाज जरूरी होता था, उसके लिए हमेशा तैयार रहती थीं। इलाज से बचने का उन्होंने कभी कोई प्रयास नहीं किया।
लता जी के सरल स्वभाव का जिक्र करते हुए डॉ. समदानी ने कहा कि मैं उन्हें उनकी मुस्कान के लिए जीवनभर याद रखूंगा। यहां तक कि अंतिम घड़ी में उनके चेहरे पर मुस्कान थी। उन्होंने कहा कि चूंकि पिछले कुछ सालों से लता दीदी की सेहत ठीक नहीं थी, इसलिए वह किसी से बहुत ज्यादा नहीं मिल पाती थीं। लता दीदी किसी से भी बहुत कम बात करती थीं और ज्यादा बोलती नहीं थीं। वह तब से उनका इलाज कर रहे थे, लेकिन उनके लिए ईश्वर की अपनी योजना थी। आखिरकार वह हमें छोड़कर हमेशा के लिए चल दीं।