Lata Mangeshkar Passes Away : स्वर कोकिला लता मंगेशकर को ‘दादा साहब फाल्के’ और ‘भारत रत्न’ समेत कई सैकड़ों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। हर कोई उनके ठीक होने की दुआ कर रहा था, लेकिन उन्होंने इस दुनिया से विदा ले लिया है। लता मंगेशकर आठ जनवरी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं, जिसके बाद से वह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल भर्ती थीं। यहां उन्हें आईसीयू में रखा गया था। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि लता मंगेशकर खुद संगीत की परिभाषा बन गई थीं ।
Lata Mangeshkar Passes Away : स्वर कोकिला लता मंगेशकर को ‘दादा साहब फाल्के’ और ‘भारत रत्न’ समेत कई सैकड़ों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। हर कोई उनके ठीक होने की दुआ कर रहा था, लेकिन उन्होंने इस दुनिया से विदा ले लिया है। लता मंगेशकर आठ जनवरी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं, जिसके बाद से वह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल भर्ती थीं। यहां उन्हें आईसीयू में रखा गया था। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि लता मंगेशकर खुद संगीत की परिभाषा बन गई थीं ।
दिलीप कुमार लता मंगेशकर को अपनी बहन मानते थे। इसी वजह से दोनों के बीच काफी अच्छा रिश्ता था,लेकिन खास रिश्ता होने के बाद भी लता मंगेशकर और दिलीप कुमार के बीच अनबन हो गई। हैरानी की बात ये है कि अपने मतभेद की वजह से दोनों ने 13 साल तक बात नहीं की थी। आइए आपको इसकी वजह बताते हैं।
दिलीप कुमार अपनी जिंदगी में दो लोगों को खूब मानते थे। जिसमें पहली लता मंगेशकर और दूसरे शाहरुख खान थे। लता मंगेशकर को वह बहन मानते थे लेकिन साल 1957 में आई ऋत्विक घटक की फिल्म ‘मुसाफिर’ के दौरान दोनों के बीच कुछ ऐसा हुआ, जिससे दोनों का रिश्ता खराब हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऋत्विक घटक ने अपनी इस फिल्म के संगीत का काम सुप्रसिद्ध संगीतकार सलिल चौधरी को दिया था।
सलिल चौधरी ने इस फिल्म के गाने ‘लागी नाहीं छूटे’ के लिए दिलीप कुमार को चुना था। वह इस गाने को आवाज देने वाले थे। इसी वजह से दिलीप कुमार ने गाने का अभ्यास शुरू कर दिया था। इस गाने में लता मंगेशकर भी अपनी आवाज देने वाली थीं, लेकिन उन्हें दिलीप कुमार के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब रिकॉर्डिंग का दिन आया, तो दिलीप कुमार की हालत खराब हो गई। दिलीप कुमार लता मंगेशकर के साथ गाना गाने से डर रहे थे। दिलीप कुमार को लता मंगेशकर के साथ सहज कराने की कोशिश की गई, लेकिन कोई भी तरकीब काम नहीं आई।
इसी वजह से सलिल चौधरी ने दिलीप कुमार को एक ड्रिंक पिला थी, जिस वजह से वह जोश में आए और उन्होंने गाना गाया। हालांकि, इसके बाद दिलीप कुमार की आवाज पतली और बेसुरी रिकॉर्ड हुई। नतीजा ये हुआ कि सारी रिकॉर्डिंग बर्बाद हो गई। दावा किया जाता है कि इस घटना के बाद ही दिलीप कुमार और लता मंगेशकर के बीच मतभेद शुरू हो गए। दोनों ने लगभग 13 सालों तक एक-दूसरे से बात नहीं की थी।
दिलीप कुमार और लता मंगेशकर का रिश्ता साल 1970 में जाकर ठीक हुआ। इस दौरान लता मंगेशकर ने दिलीप कुमार को राखी बांधी थी, जिसके बाद दोनों की लंबी लड़ाई का अंत हुआ। इसके बाद ही लता मंगेशकर ने दिलीप कुमार को राखी बांधना शुरू किया। लता मंगेशकर दिलीप कुमार के अलावा गायक मुकेश और संगीतकार मदन मोहन को भी राखी बांधती थीं।