लोकसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में चल रहा है। चार जून को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। चुनाव नतीजों के बाद साफ हो जाएगा कि किसकी सरकार बनेगी। हालांकि, इन सबके बीच एनडीए के 400 पार नारे को उनके ही प्रत्याशियों ने मुश्किल में डाल दिया। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर 2014 और 2019 का चुनाव जीतने वाले कई भाजपा सांसद अपने क्षेत्र की जनता से दूर हो गए।
Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में चल रहा है। चार जून को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। चुनाव नतीजों के बाद साफ हो जाएगा कि किसकी सरकार बनेगी। हालांकि, इन सबके बीच एनडीए के 400 पार नारे को उनके ही प्रत्याशियों ने मुश्किल में डाल दिया। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर 2014 और 2019 का चुनाव जीतने वाले कई भाजपा सांसद अपने क्षेत्र की जनता से दूर हो गए। लोगों से मिलना और उनकी समस्याओं को सुनना भी भूल गए। यही नहीं ज्यादातर तो अपने क्षेत्र की समस्याओं को भी नहीं उठा पाए, जिसके कारण उनके प्रति जनता के मन में आक्रोश बढ़ गया। ऐसे में अब यही आक्रोश 2024 में भाजपा के 400 पार नारे को मुश्किलों में डाल रहा है।
हालांकि, कई जगहों पर इस नाराजगी के कारण भाजपा ने अपने प्रत्याशियों में बदलाव भी किया है। वहीं, कई जगहों पर पुराने ही चेहरों पर दांव खेला है। ऐसे में जनता की ये नाराजगी उनको मुश्किलों में डाल सकती है। कई जगहों पर तो लोग भाजपा के मौजूदा सांसद और प्रत्याशियों का खुलकर विरोध भी हो रहा है, जिसका वीडियो और फोटो अक्सर सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि, प्रत्याशियों का विरोध कहीं एनडीए को बीच भंवर में न फंसा दे।
कई सीटों पर दिख रहा इसका असर
स्थानीय मुद्दों पर काम नहीं करने वाले सांसदों के प्रति जनता की नाराजगी साफ देखी जा रही है। कई जगहों पर इसके कारण विपक्ष के नेताओं को संजीवनी भी मिल गई है, जिसके कारण उन सीटों पर मुकाबाला बेहद ही रोचक हो गया है। अब चार जून को ही उन सीटों की स्थिति साफ हो पायेगी।
नाराजगी के कारण मतदान केंद्र भी पर भी नहीं पहुंचे
सूत्रों की माने तो कई जगहों पर ये देखने को मिला कि प्रत्याशियों से नाराजगी के कारण वोटर मतदान केंद्र पर भी नहीं पहुंचे। दरअसल, उनकी नाराजगी शीर्ष नेतृत्व से नहीं बल्कि प्रत्याशी से साफ दिखी, जिसके कारण कई ऐसी सीटें हैं, जहां भाजपा के उम्मीदवारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।