यूपी की राजधानी लखनऊ के करीब 200 अवैध प्लॉटिंग (Illegal Plating) करने वाली कंपनियां राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) के गठन होने पर राहत की सांस ले रहे थी। एससीआर (SCR) के गठन होने पर जिला पंचायत की ओर से मिली नोटिस और कार्रवाई से मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन जिला पंचायत (District Panchayat) ने आवास एवं शहरी विभाग (Housing and Urban Department) ने स्पष्ट कर दिया है कि कार्रवाई नहीं रूकेगी।
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ के करीब 200 अवैध प्लॉटिंग (Illegal Plating) करने वाली कंपनियां राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) के गठन होने पर राहत की सांस ले रहे थी। एससीआर (SCR) के गठन होने पर जिला पंचायत की ओर से मिली नोटिस और कार्रवाई से मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन जिला पंचायत (District Panchayat) ने आवास एवं शहरी विभाग (Housing and Urban Department) ने स्पष्ट कर दिया है कि कार्रवाई नहीं रूकेगी। अब भी करीब 250 अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर जल्द ही कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी।
बतातें चलें कि राजधानी के ग्रामीण इलाकों में भोले भाले लोगों को बेवकूफ बना अवैध प्लॉटिंग करने वाली कंपनियां बिना नक्शा पास करवाए ही प्लॉट बेच रहे थे। जिससे कंपनियां तो खुद पैसा लेकर भाग जाती हैं, लेकिन प्लॉट लेने वाला आम आदमी कार्रवाई की जद में आ जाता था। लिहाजा जिला पंचायत (District Panchayat) ऐसे ही अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी की है। बीते कुछ माह में जिला पंचायत (District Panchayat) ने करीब ढाई सौ कंपनियों को सीजिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने के लिए नोटिस भेजा था।
जुलाई माह में योगी सरकार ने लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) का गठन कर दिया था। इसके बाद उपाहपोह की स्थिति बन गई कि अब उन अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर कार्रवाई कौन और कब करेगा? इसी का रास्ता निकालने के लिए जिला पंचायत कार्यालय (District Panchayat Office) ने आवास एवं शहरी विभाग (Housing and Urban Department) को पत्र लिखकर यह जानना चाहा था कि एससीआर के गठन के बाद ग्रामीण इलाकों में मानचित्र स्वीकृत करने में क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। क्या जिला पंचायत (Zila Panchayat) अपने क्षेत्र में आने वाले अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर कार्रवाई कर सकती है?
अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत लखनऊ ज्योति कुमार दीक्षित (Additional Chief Officer Zila Panchayat Lucknow Jyoti Kumar Dixit) ने बताया कि जिला पंचायत के पत्र पर मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश (Chief Town and Village Planner, Uttar Pradesh) ने अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग (Additional Chief Secretary, Housing and Urban Planning Department) को जवाब देते हुए पत्र भेजा था। जिसमें बताया गया है कि राज्य राजधानी क्षेत्र व अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यादेश की धारा -3 की उपधारा-एक (Subsection-1 of Section-3 of Development Authority Ordinance) के अधीन अधिसूचित उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (Uttar Pradesh State Capital Region) के अंतर्गत समस्त अभिकरण अपने अधिनियम की व्यस्थानुसार यथावत कार्य करते रहेंगे। यानी कि जिला पंचायत (Zila Panchayat) कार्रवाई कर सकता है।
अपर मुख्य अधिकारी (Additional Chief Officer) ने बताया कि राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन जोन से जिला पंचायत (Zila Panchayat) के अधिकार क्षेत्र को लेकर थोड़ी असमंजस की स्थिति थी। लेकिन पत्राचार के बाद अब स्थिति साफ हो गई है। ऐसे में हम ऐसे लोगों पर कार्रवाई तेज करने जा रहे है जिन्होंने अवैध प्लॉटिंग (Illegal Plating) की है या कर रहे हैं। जिला पंचायत (Zila Panchayat) ने ढाई सौ से अधिक अवैध प्लॉटिंग (Illegal Plating) करने वालों को नोटिस दे रखी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे। अब यह कार्रवाई शुरू होने जा रही है। जिससे लाखों लोग जो इन अवैध प्लॉटिंग (Illegal Plating) के चक्कर में फंस अपनी पूंजी फंसाते हैं, उन्हें बचाया जा सके। राजधानी में 482 गांव है जिसमें, 100 से अधिक गांवों में हो रही अवैध प्लॉटिंग (Illegal Plating) करने वाले कार्रवाई की जद में है।
एससीआर में 6 जिले हैं शामिल
बता दें एनसीआर (SCR) की तर्ज पर बने एससीआर (SCR) में 6 जिलों लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव के कुल 27,826 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्रफल को शामिल किया गया है। राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन से इस भूभाग पर ढाई करोड़ से अधिक आबादी के लिए सुनियोजित विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर का पथ तैयार होगा।