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Lucknow News – एडी बेसिक डॉ मुकेश कुमार सिंह निलंबित, जानें किस मामले में हुआ एक्शन

लखनऊ (Lucknow)  के मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) डॉ. मुकेश कुमार सिंह (AD Basic Dr. Mukesh Kumar Singh) को शासन ने बीते सोमवार को निलंबित (Suspend) कर दिया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। लखनऊ (Lucknow)  के मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) डॉ. मुकेश कुमार सिंह (AD Basic Dr. Mukesh Kumar Singh) को शासन ने बीते सोमवार को निलंबित (Suspend) कर दिया है। आयुक्त लखनऊ मण्डल लखनऊ के पत्रांक- 827/27-10-2020-21, में सात अप्रैल 2022 द्वारा करायी गयी जांच आख्या एवं शिक्षा निदेशक के पत्रांक-सामान्य (1) उपलब्ध द्वितीय / 2570/2022-23 28 जुलाई 2022 द्वारा उपलब्ध करायी गयी आख्यानुसार सेन्टीनियल हाई सैकेण्ड्री स्कूल, गोलागंज, लखनऊ का संचालन ‘द लखनऊ किश्चन कालेज सोसाइटी’ द्वारा किया जाता है।

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अणिमा रिसाल सिंह तथाकथित प्रबंधक / सचिव द्वारा डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एण्ड चिटफण्ड लखनऊ मण्डल लखनऊ के आदेश 31 मार्च 2021 को फर्जी एवं कूटरचित अभिलेखों के आधार पर तैयार समिति की नवीन सूची को पत्र छह जून 2021 द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ के कार्यालय में प्रबंधक के रूप में हस्ताक्षर प्रमाणित करने हेतु प्रेषित किया गया।

पुनः श्रीमती सिंह द्वारा अनुस्मारक पत्र 15 जून 2021, 6 अगस्त 2021 एवं 08 अगस्त 2021 प्रेषित किये गये, जिसके क्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक के पत्र 10 अगस्त 2021 द्वारा श्रीमती रिसाल के पत्र 06 अगस्त 2021 व 08 अगस्त 2021 पर प्रबंधक लखनऊ किश्चन कालेज एवं सेन्टीनियल कालेज से आख्या मांगी गयी। किन्तु किस व्यक्ति को प्रबंधक मानते हुये आख्या मांगी गयी, का उल्लेख नहीं किया गया।

जिला विद्यालय निरीक्षक, लखनऊ के पत्र 09 सितंबर 2021 द्वारा प्रश्नगत संस्था के प्रबन्धक के हस्ताक्षर प्रमाणित करने के संबंध में शिक्षा निदेशक माध्यमिक से प्रदान किये जाने हेतु अनुरोध किया गया। अतः श्रीमती सिंह के हस्ताक्षर प्रमाणित करने के संबंध में शिक्षा निदेशक (मा० ). उ०प्र० लखनऊ से मार्गदर्शन प्राप्त न कर डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एण्ड चिटफण्ड लखनऊ मण्डल से स्थिति स्पष्ट कराकर अपने स्तर से निर्णय लिया जाना चाहिए था अथवा सम्पूर्ण प्रकरण शासनादेश 19 दिसंबर 2000 के क्रम में मण्डलीय समिति को संदर्भित करना चाहिए था किन्तु प्रकरण निदेशालय को मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु प्रेषित कर दिया गया।

जिला विद्यालय निरीक्षक, लखनऊ द्वारा श्रीमती सिंह द्वारा प्रबन्धक के रूप में हस्ताक्षर प्रमाणित करने हेतु प्रस्तुत किये गये पत्र / सोसाइटी की नवीन सूची की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करायी गयी और नही प्रशासन योजना में निर्धारित व्यवस्था के आलोक में स्वयं परीक्षणकर निर्णय लिया गया। अनिर्णय की स्थिति में फर्जी समिति बनाकर विद्यालय में कब्जा करने का कुत्सित प्रयास किया गया, जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा कोई सजगता नहीं बरती गयी। विद्यालय में कब्जा किये जाने का संज्ञान समाचार पत्रों के माध्यम से आया।

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प्रकरण में डा. मुकेश कुमार सिंह तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ सम्प्रति मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), लखनऊ द्वारा फर्जी समिति की जांच कर प्रभावी कार्यवाही न करने, नियमों का उल्लघंन कर प्रस्ताव मण्डलीय समिति को प्रेषित न किये जाने पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता, शिथिलता बरतने एवं शासकीय कार्यों में अनुत्तरदायित्वपूर्ण कृत्य के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने के दृष्टिगत उ०प्र०सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के नियम – 4 के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुये उनके विरूद्ध उक्त नियमावली के नियम-7 के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित की जाती है। निलम्बन अवधि में डा० मुकेश कुमार सिंह, शिक्षा निदेशक (बेसिक) शिक्षा निदेशालय, उ0प्र0 प्रयागराज से सम्बद्ध रहेंगे।

निलम्बन अवधि में डा० मुकेश कुमार सिंह को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्ध वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह भत्ते के साथ कोई महगाई भत्ता देय नही होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महगाई भत्ता अथवा महगाई भत्ते का उपान्तिक समायोजन प्राप्त नही था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के अधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होगें, जबकि इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्नय है।

उपर्युक्त प्रस्तर 2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जब डा० मुकेश कुमार सिंह इस आशय का प्रमाण प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यपार वृत्ति-व्यवसाय में नहीं लगे हैं। डा० मुकेश कुमार सिंह के विरूद्ध आरोप पत्र पृथक से निर्गत किया जायेगा।

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