राजधानी लखनऊ में रविवार रात से हो रही बारिश ने प्रशासन की पोल खोल दी है। हर तरफ पानी ही पानी दिख रहा है। सड़कों के अलावा लोगों के घरों में पानी घुस गया है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी हुई। सबसे बड़ी बात ये हैं कि, घरों में पानी भरने के बाद लोगों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया, जिसके कारण लोग घरों में कैद रहने के लिए मजबूर हो गए।
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में रविवार रात से हो रही बारिश ने प्रशासन की पोल खोल दी है। हर तरफ पानी ही पानी दिख रहा है। सड़कों के अलावा लोगों के घरों में पानी घुस गया है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी हुई। सबसे बड़ी बात ये हैं कि, घरों में पानी भरने के बाद लोगों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया, जिसके कारण लोग घरों में कैद रहने के लिए मजबूर हो गए। राजधानी आलमबाग के क्षेत्र में कई जगहों पर ऐसी स्थिति देखने को मिली। यहां के सुजानपुरा क्षेत्र में कई घरों में पानी भरने के कारण लोगों का काफी नुकसान हुआ है देर रात से लोगों के घरों में अभी भी पानी भरा हुआ है लेकिन प्रशासन की तरफ से पानी निकासी को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया।
जायजा लेने के लिए निकलीं मेयर
बता दें कि, लखनऊ की सड़कों पर जलभराव की स्थिति को देखने के लिए मेयर सुषमा खर्कवाल ने सड़कों पर निकली। उन्होंने कई जगहों पर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया और कर्मचारियों को कई दिशा निर्देश दिए। वह जानकीपुरम के सेक्टर डी मनकामेश्वरमें निरीक्षण करने पहुंचीं।
मंडलायुक्त ने भी संभाला मोर्चा
बता दें कि, राजधानी में हो रही मूसलाधार बारिश को देखते हुए मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब अधिकारियों संग फील्ड पर निकलीं और शहर में विभन्न स्थानों पर हुए जलभराव का जायजा लिया। उन्होंने नगर निगम के उपस्थित संबंधित अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
जलभराव को लेकर सीएम ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बारिश के दृष्टिगत सम्बंधित जनपदों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नजर रखें। आपदा से प्रभावित लोगों को अनुमन्य राहत राशि का अविलंब वितरण करें। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जल भराव की स्थिति में जल निकासी के लिए प्रभावी प्रबंध किए जाएं। नदियों के जल स्तर की सतत् निगरानी की जाए। फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर शासन को आख्या उपलब्ध कराई जाए, ताकि प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जा सके।