यूक्रेन (Ukraine) के साथ चल रहे युद्ध के बीच रूस (Russia) ने 11 अगस्त की सुबह 4:40 बजे के करीब अमूर ओब्लास्ट (Amur Oblast) के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 लैंडर (Luna-25 Lander) मिशन लॉन्च किया है। करीब 47 साल बाद रूस ने किसी चन्द्रमा मिशन को भेजा है। इस मिशन की लॉन्चिंग सोयुज 2.1बी (Soyuz 2.1b) रॉकेट के जरिये की गयी है।
Luna-25 Lander Mission : यूक्रेन (Ukraine) के साथ चल रहे युद्ध के बीच रूस (Russia) ने 11 अगस्त की सुबह 4:40 बजे के करीब अमूर ओब्लास्ट (Amur Oblast) के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 लैंडर (Luna-25 Lander) मिशन लॉन्च किया है। करीब 47 साल बाद रूस ने किसी चन्द्रमा मिशन को भेजा है। इस मिशन की लॉन्चिंग सोयुज 2.1बी (Soyuz 2.1b) रॉकेट के जरिये की गयी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लूना-25 लैंडर रॉकेट करीब 46.3 मीटर लंबा और इसका व्यास 10.3 मीटर है, जबकि रॉकेट का वजन 313 टन है। चार स्टेज के रॉकेट ने लूना-25 लैंडर (Luna-25 Lander) को धरती के बाहर एक गोलाकार ऑर्बिट में छोड़ा। जिसके बाद यह स्पेसक्राफ्ट (Spacecraft) चांद के हाइवे पर निकल गया। इस हाइवे पर ही 5 दिन की यात्रा करेगा। इसके बाद चांद के चारों तरफ 7-10 दिन चक्कर लगाएगा। 21 या 22 अगस्त को लूना-25 (Luna-25) चांद की सतह पर उतरेगा।
यूक्रेन पर हमला करने के बाद पहली बार रूस किसी दूसरे ग्रह या उपग्रह के लिए अपना मिशन भेज रहा है। रूसी स्पेस एजेंसी (Russian Space Agency) ने कहा कि वह किसी देश या स्पेस एजेंसी के साथ प्रतियोगिता नहीं कर रहे हैं। उनकी लैंडिंग इलाके भी अलग हैं। भारत या किसी और देश के मून मिशन से उनकी न तो टक्कर होगी। न वह किसी के रास्ते में आएंगे।