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योगीराज में यूपी से माफियाराज खत्म, सपा सरकार में उद्योगपति लखनऊ नहीं आने को थे तैयार : अमित शाह

यूपी की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को लोकभवन में बीजेपी विधायक दल की बैठक में यूपी के कार्यवाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सर्वसम्मति से नेता चुन लिया है। इसके बाद विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये हम सभी के लिए गौरव का क्षण है, जब किसी मुख्यमंत्री को दोबारा सत्ता में आने का मौका मिला है। जब से आम चुनाव शुरु हुए हैं, उस वक्त से उत्तर प्रदेश में ऐसा नही हुआ है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को लोकभवन में बीजेपी विधायक दल (BJP Legislature Party) की बैठक में यूपी के कार्यवाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को सर्वसम्मति से नेता चुन लिया है। इसके बाद विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि ये हम सभी के लिए गौरव का क्षण है, जब किसी मुख्यमंत्री को दोबारा सत्ता में आने का मौका मिला है। जब से आम चुनाव शुरु हुए हैं, उस वक्त से उत्तर प्रदेश में ऐसा नही हुआ है।

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अमित शाह (Amit Shah)  ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ज्यादातर समय राजनैतिक अस्थिरता का माहौल रहा। इसका नतीजा उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातिवादी और परिवारवादी पार्टियों का उदय हो गया।उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में राजनीति का अपराधीकरण था। उत्तर प्रदेश की जनता इससे मुक्ति चाहती थी। 2017 का समय आया और यहां की जनता को उससे मुक्ति मिली है।

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सपा सरकार में उद्योगपतियों का सम्मेलन दिल्ली में होता था। क्योंकि कोई भी उद्योगपति लखनऊ आने के लिए तैयार नहीं होता था। शाह ने कहा कि सपा सरकार में माफिया और गुंडे पुलिस के मालिक बन बैठे थे। गरीब की एफआईआर लिखवाने की हिम्मत नहीं होती थी। 2017 के बाद जब सत्ता में बदलाव हुआ, तो आप देख सकते हैं गुंडे और माफियाओं की क्या हालत है।

शाह ने कहा कि हम सभी को मोदी जी जैसा दूरदर्शी नेतृत्व मिला है, परिश्रमी नेतृत्व मिला है। गरीबों के प्रति समर्पित रहने वाला नेतृत्व मिला है। मोदी जी के मार्गदर्शन में योगी जी ने गरीब कल्याण के हर कार्य को पूरा कर जमीन तक पहुंचाया है।मोदी के नेतृत्व में चुनाव अभियान चला, भाजपा को यूपी की जनता ने 73 सीटों के साथ जिताया। पहली बार भाजपा कार्यकर्ताओं के मन में विश्वास हुआ कि 2014 के चुनाव में 73 सीटें जीत सकते हैं तो 2017 में भी करिश्मा कर सकते हैं। उस वक्त सपा ने योजानाओं को जमीन पर उतारने का कोई प्रयास नहीं किया। योजनाओं को भ्रष्टाचार और जातिवाद के चलते नहीं जमीन पर उतारा गया। भाजपा ने 2017 के चुनाव में इसे मुद्दा बनाया और घर-घर जाकर कहा कि भाजपा पर भरोसा कीजिए, मोदी पर भरोसा कीजिए। परिणाम आया कि 2017 में भाजपा को 300 पार का मैंडेट दिया था।

अमित शाह (Amit Shah)  ने कहा कि पार्टी ने योगी को मुख्यमंत्री बनाया। जिसके बाद उनके सामने कई चुनौतियां थी। पूरे प्रशासन का राजनीतिकरण और अपराधीकरण हो चुका था। कानून व्यवस्था ठीक नहीं था। गरीबों की आशाओं को परिवारवाद ने खत्म कर दिया था। भाजपा ने शासन की बागड़ोर संभाली। 2017 से लेकर 2022 तक की यात्रा के बीच 2019 में भी जनता ने भाजपा को प्यार दिया। इस दौरान क्या हुआ कि भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला? सबसे बड़ा काम योगी सरकार ने प्रशासन के राजनीतिकरण को समाप्त कर दिया। राजनीति का अपराधीकरण बंद हो गया। माफिया गुंडे पुलिस प्रशासन का मालिक बनकर बैठे थे। योगी सरकार के आने के बाद गरीबों के मन में आशा जगी कि किसी की हिम्मत नहीं है कि कोई हमारी बात न सुने। ये विश्वास जागने के साथ यूपी में बदलाव की राजनीति शुरू हुई।

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