प्रयागराज महाकुम्भ 2025 (Prayagraj Mahakumbh 2025) में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे करोड़ों श्रद्धालु सनातन की अलख जगाने निकली पवित्र छड़ी का भी दर्शन कर सकेंगे। श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े (Shri Panch Dashnam Aawahan Akhara) के सैकड़ों महात्मा इस पवित्र छड़ी को लेकर प्रयागराज पहुंच रहे हैं।
महाकुम्भ नगर। प्रयागराज महाकुम्भ 2025 (Prayagraj Mahakumbh 2025) में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे करोड़ों श्रद्धालु सनातन की अलख जगाने निकली पवित्र छड़ी का भी दर्शन कर सकेंगे। श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े (Shri Panch Dashnam Aawahan Akhara) के सैकड़ों महात्मा इस पवित्र छड़ी को लेकर प्रयागराज पहुंच रहे हैं।
आवाहन अखाड़े के साधुओं का जत्था हरिद्वार से पवित्र छड़ी लेकर रवाना
हरिद्वार से यह पावन छड़ी यात्रा शुरू हो चुकी है। छड़ी यात्रा की अगुवाई प्रयाग महाकुम्भ मे आवाहन अखाड़े के दादा जी धुनी वाले श्री महन्त गोपाल गिरी (Shri Mahant Gopal Giri) कर रहे हैं। उनका कहना है कि अखाड़े के निर्देशानुसार छड़ी के चार श्री महन्त चुने गए हैं जो उनके साथ चल रहे हैं। आवाहन अखाड़े के साधुओं का जत्था भी साथ है। यह पवित्र छड़ी यात्रा 1 जनवरी को प्रयागराज महाकुम्भ (Prayagraj Mahakumbh) पहुंचेगी, जहां विभिन्न स्थानों पर इस यात्रा का अखाड़ों के साधु संत और श्रद्धालु स्वागत करेंगे।
आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी छड़ी यात्रा की शुरुआत
इस छड़ी यात्रा की शुरुआत के इस साल 1220 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस यात्रा की अगुवाई कर रहे आवाहन अखाड़े के श्री महंत गोपाल गिरी का कहना है कि आदिगुरू शंकराचार्य जी के नेतृत्व मे आज से 1220 वर्ष पूर्व अखाड़ा श्री शम्भू पंच दश नाम आवाहन नागा सन्यासी के 550 महात्माओं और श्री महन्त द्वारा भारत के सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के मन्दिरों का जीर्णोद्धार करने के लिए यह छड़ी यात्रा शुरू की गई थी। इस बार प्रयाग महाकुम्भ में अखाड़ा श्री शम्भू पंच दशनाम आवाहन नागा संन्यासी को 1478 वर्ष हो रहे हैं और 2025 में आवाहन अखाड़ा 123वां महाकुम्भ स्नान करने जा रहा है। उनके साथ यह पवित्र छड़ी भी स्नान करेगी। एक जनवरी 2025 से 27 फरवरी तक यह पवित्र छड़ी प्रयागराज महाकुम्भ में आवाहन अखाड़े के छावनी में दर्शन के लिए रखी जाएगी।