महाराष्ट्र का सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना (शिंदे गुट) के 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले में गुरुवार (11 मई) को फैसला सुनाया। इसमें शिंदे सरकार को बड़ी राहत मिली है। वहीं, कोर्ट ने गवर्नर और स्पीकर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। इस मामले में अब कांग्रेस का ओर से पहली प्रतिक्रिया आई है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र का सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना (शिंदे गुट) के 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले में गुरुवार (11 मई) को फैसला सुनाया। इसमें शिंदे सरकार को बड़ी राहत मिली है। वहीं, कोर्ट ने गवर्नर और स्पीकर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। इस मामले में अब कांग्रेस का ओर से पहली प्रतिक्रिया आई है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘आज महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एमवीए सरकार को गिराने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि-पहला राज्यपाल ने जो किया अवैध थे। दूसरा स्पीकर के फैसले भी अवैध थे। तीसरा व्हिप नियुक्त करना भी अवैध था। मेरे वरिष्ठ सहयोगी अभिषेक सिंघवी के शब्दों में, शिंदे-फडणवीस शासन के पास सत्ता पर रहने का क्या नैतिक अधिकार बचा है? मुंबई में डबल इंजन सरकार तीन गुना अवैध है।’
Today in relation to the overthrow of Uddhav Thackeray & the MVA Govt in Maharashtra the Supreme Court held:
1. Governor's actions were illegal.
2. Speaker's actions were illegal.
3. Chief Whip's actions were illegal.In the words of my senior colleague, Dr. Abhishek Singhvi,…
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 11, 2023
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि, उद्धव ठाकरे ने विश्वास मत का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था, इसलिए राज्यपाल ने सदन में सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी के कहने पर सरकार बनाने के लिए शिंदे को आमंत्रित करके सही किया। कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना का व्हिप नियुक्त करने का विधानसभा अध्यक्ष का फैसला अवैध था। कोर्ट ने इस मामले को सात जजों की बेंच के पास भेज दिया है।