अब एक साल बाद कुछ ऐसी बगावत एनसीपी में दिख रही है, जब अजीत पवार ने बगावत करके शिंदे सरकार में शामिल हो गए। रविवार को अजित पवार समेत एनसीपी के 9 नेताओं ने मंत्रीपद की शपथ ली है। अजित पवार के इस कदम सियासी सरगर्मी बढ़ गयी।
Maharashtra Politics: एक साल पहले भी महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसी ही हलचल देखने को मिली थी। जब शिवसेना (Shiv Sena) के नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने पार्टी से बगावत कर दी थी। बड़ी संख्या में उन्होंने शिवसेना के विधायकों को अपने साथ करकर महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया था। इसके साथ ही खुद बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना लिए और मुख्यमंत्री बन गए थे।
अब एक साल बाद कुछ ऐसी बगावत एनसीपी (NCP) में दिख रही है, जब अजीत पवार ने बगावत करके शिंदे सरकार (Shinde Sarkar) में शामिल हो गए। रविवार को अजित पवार समेत एनसीपी के 9 नेताओं ने मंत्रीपद की शपथ ली है। अजित पवार (Ajit Pawar) के इस कदम सियासी सरगर्मी बढ़ गयी। अब अजित पवार गुट ने सुनील तटकरे को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। अभी तक जयंत पाटिल एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे। उधर शरद पवार (Sharad Pawar) ने पलटवार करते हुए प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष के पद से हटा दिया है।
इतना ही नहीं, प्रफुल्ल पटेल के साथ सुनील तटकरे को पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है। एनसीपी मुखिया शरद पवार ने सोमवार को यह कदम उठाया। उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के लिए यह ऐक्शन लिया है। प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर थे। वहीं, सुनील तटकरे एनसीपी के नेशनल जनरल सेक्रेटी थे।