पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। नंदीग्राम विधानसभा सीट पर भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार चुकीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब भी हार मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने अब इस सीट की पूरी चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। नंदीग्राम विधानसभा सीट पर भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार चुकीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब भी हार मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने अब इस सीट की पूरी चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है। ममता की ओर से लगाई गई याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर ली गई है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के तरफ से नंदीग्राम रिजल्ट को चुनौती देने वाले मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई 24 जून तक के लिए टाल दी गई है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी को उनके पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम से चुनाव हरा दिया था। ममता ने चुनाव परिणाम के बाद ही आरोप लगाया था कि मतगणना में धांधली की गई है। नंदीग्राम में मिली हार के बाद ही ममता ने बनर्जी कहा था कि वह इस मामले को लेकर कोर्ट में जाएंगी। ममता ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने के लिए भवानीपुर की अपनी सीट छोड़ दी थी। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने नंदीग्राम सीट पर दोबारा काउंटिंग की मांग करते हुए वोटों की गिनती में अनियमितताओं का आरोप लगाया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उसे खारिज कर दिया था। नंदीग्राम सीट से शुभेंदु ने ममता बनर्जी को 2 हजार से भी कम वोटों से हराया था।
ममता के इस कदम को लेकर भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि आप दो बार चुनाव कैसे हारते हैं? पहले चुनाव में और फिर एक हारे हुए व्यक्ति की तरह कोर्ट में जनमत को चुनौती देकर। मालवीय ने आगे कहा कि ममता बनर्जी को दो बार नंदीग्राम की हार का अपमान सहते देखना दिलचस्प होगा। बता दें कि चुनाव आयोग ने नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से अधिकारी को विजेता और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी को उपविजेता घोषित किया था।