पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार और राज्यपाल पर गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने राज्यपाल को वापस बुलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखा है। उन्होंने केंद्र और ट्विटर विवाद में भी सोशल मीडिया साइट का पक्ष लिया है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार और राज्यपाल पर गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने राज्यपाल को वापस बुलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखा है। उन्होंने केंद्र और ट्विटर विवाद में भी सोशल मीडिया साइट का पक्ष लिया है।
सीएम ममता ने कहा कि केंद्र ट्विटर को कंट्रोल नहीं कर सकते। इसलिए खत्म कर देना चाहते हैं। इसी तरह मेरी पार्टी को भी कंट्रोल नहीं कर सकते । इसलिए मेरी पार्टी को बुलडोज करना चाहते हैं। ममता बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया है कि यास चक्रवात से बचाव कार्य के लिए केंद्र की तरफ से राज्य को कोई पैसा नहीं दिया गया है। बता दें कि जब यास चक्रवात नहीं आया था तब भी ममता ने केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाया था। तब उन्होंने कहा था कि यास से बचाव कार्यों के लिए पश्चिम बंगाल को ओडिशा और आंध्र प्रदेश की तुलना में कम धन आवंटन किया गया।
बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि वह राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर चुप हैं। उन्होंने पीड़ित लोगों के पुनर्वास और मुआवजा के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं।
ममता बनर्जी की चुप्पी पर उठाए हैं सवाल
उन्होंने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा कि मैं चुनाव के बाद प्रतिशोधात्मक रक्तपात, मानवाधिकारों का हनन, महिलाओं की गरिमा पर हमला, संपत्ति का नुकसान, राजनीतिक विरोधियों की पीड़ाओं पर आपकी लगातार चुप्पी और निष्क्रियता को लेकर मैं विवश हूं..।