वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को आज लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया। विपक्ष के सांसदों ने इसका जमकर विरोध किया। अब बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया आई है।
लखनऊ। वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को आज लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया। विपक्ष के सांसदों ने इसका जमकर विरोध किया। अब बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि, आज संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जिस प्रकार से इसको लेकर संदेह, आशंकाएं व आपत्तियां सामने आयी हैं, उसके मद्देनजर इस बिल को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी (स्टैण्डिंग) समिति को भेजना उचित।
मायावती ने एक्स पर लिखा कि, केन्द्र व यूपी सरकार द्वारा मस्जिद, मदरसा, वक्फ आदि मामलों में जबरदस्ती की दखलन्दाजी तथा मन्दिर व मठ जैसे धार्मिक मामलों में अति-दिलचस्पी लेना संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त के विपरीत अर्थात ऐसी संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरूरी? सरकार राष्ट्रधर्म निभाए।
उन्होंने आगे लिखा कि, मन्दिर-मस्जिद, जाति, धर्म व साम्प्रदायिक उन्माद आदि की आड़ में कांग्रेस व भाजपा आदि ने बहुत राजनीति कर ली और उसका चुनावी लाभ भी काफी उठा लिया, किन्तु अब देश में खत्म हो रहा आरक्षण व गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन आदि पर ध्यान केन्द्रित करके सच्ची देशभक्ति साबित करने का समय।
आज संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जिस प्रकार से इसको लेकर संदेह, आशंकाएं व आपत्तियाँ सामने आयी हैं, उसके मद्देनजर इस बिल को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी (स्टैण्डिंग) समिति को भेजना उचित। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार अगर जल्दबाजी न करे तो बेहतर।