समाजवादी सरकार में खनन मंत्री बनते ही गायत्री प्रसाद प्रजापति की संपत्तियां तेजी से बढ़ने लगी। देखते ही देखते गायत्री और उसका परिवार अरबों रुपयों की संपत्तियों का मालिक बन गया। यहां तक की उसके ड्राइवर के नाम भी करोड़ों की संपत्ति दर्ज हो गईं।
लखनऊ। समाजवादी सरकार में खनन मंत्री बनते ही गायत्री प्रसाद प्रजापति की संपत्तियां तेजी से बढ़ने लगी। देखते ही देखते गायत्री और उसका परिवार अरबों रुपयों की संपत्तियों का मालिक बन गया। यहां तक की उसके ड्राइवर के नाम भी करोड़ों की संपत्ति दर्ज हो गईं।
वहीं, खनन घोटाला उजागर होने पर गायत्री की करतूत उजागर हुई। साथ ही खनन घोटाले में गायत्री के साथ प्रदेश के कई दिग्गज ब्यूरोक्रेटस का नाम भी इस घोटले में उजागर हुआ, जिसके बाद इन पर कार्रवाई शुरू हुई। सीबीआई से लेकर ईडी तक इस मामले में कार्रवाई में जुटी है।
इस बीच ईडी ने गायत्री की 36.94 करोड़ की संपत्तियां अटैच की है। इनमें गायत्री उनके घरवालों और कंपनियों के 57 बैंक खाते भी शमिल हैं, जिनमें करीब 3.50 करोड़ रुपये जमा हैं। इसके साथ ही 60 संपत्तियों को भी जब्त किया है। ईडी का दावा है कि जब्त संपत्तियों की कीमत बाजार में करीब 55 करोड़ रुपये की है।
वहीं, इन सबके बीच खनन घोटाले में कई ब्यूरोक्रेटस के नाम भी उजागर हुए। एजेंसियों ने उनके यहां छापेमारी की और कई अहम दस्तावेज भी कब्जे में लिया। लेकिन अभी तक ब्यूरोक्रेटस की संपत्तियों को अटैच नहीं किया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि नेताओं पर कार्रवाई तो ब्यूरोक्रेटस पर मेहरबानी क्यों हो रही है?
बता दें कि, खनन घोटाले में करीब आधा दर्जन से ज्यादा आईएएस अफसरों का नाम उजागर हुआ था, जिसमें बी चंद्रकला, पवन कुमार, अजय सिंह समेत अन्य अफसरों के खिलाफ जांच भी हुई लेकिन नेताओं की संपत्ति को अटैच कर लिया गया और ब्यूरोक्रेटस पर मेहरबानी जारी है।