देश में आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को एकजुट बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इसके लिए हाल के दिनों में काफी सक्रिय रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने इस बाबत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से व्यापक चर्चा की थी। बाद में वे लखनऊ पहुंचकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav) से भी मिले थे।
नई दिल्ली। देश में आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को एकजुट बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इसके लिए हाल के दिनों में काफी सक्रिय रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने इस बाबत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से व्यापक चर्चा की थी। बाद में वे लखनऊ पहुंचकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav) से भी मिले थे।
इन दौरान नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता पर जोर दिया था। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सुझाया कि यदि विपक्षी दल एकजुट होकर लड़ाई लड़ते हैं तो भाजपा को आसानी से हराया जा सकता है। अब ममता बनर्जी ने भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के फार्मूले पर मुहर लगाते हुए भाजपा के खिलाफ साझा प्रत्याशी उतारने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को अपने गढ़ों में प्रत्याशी उतारने का मौका मिलना चाहिए ताकि भाजपा को शिकस्त दी जा सके।
सभी सीटों पर विपक्ष का साझा प्रत्याशी चुनाव लड़े
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) को विपक्ष का बड़ा चेहरा माना जाता रहा है। यही कारण है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जब हाल में ममता से मुलाकात की थी तो इन दोनों नेताओं की मुलाकात को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना गया था। नीतीश कुमार पहले से ही भाजपा (BJP) के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने पर जोर देते रहे हैं। अब ममता बनर्जी भी उसी लाइन पर चलती दिख रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की मुखिया ने शुक्रवार को शमशेरगंज में कहा कि देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सभी 543 सीटों पर भाजपा (BJP) के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विपक्षी दल को अपने-अपने गढ़ में ताकत दिखाने का मौका मिलना चाहिए और अन्य विपक्षी दलों को उसका समर्थन करना चाहिए। ऐसी पहल के जरिए भाजपा (BJP) को आसानी से शिकस्त दी जा सकती है।
सभी दलों को अपने गढ़ों में लड़ने का मिले मौका
ममता ने कहा कि भाजपा (BJP) के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता काफी जरूरी है। भाजपा (BJP) के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा। जिस दल का जिन क्षेत्रों में मजबूत आधार है,उन्हें वहां से लड़ने का मौका मिलना चाहिए। भाजपा (BJP) को हराने के लिए इस दिशा में पहल की जानी चाहिए।
ममता ने भाजपा पर सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों के जरिए फर्जी मामले दर्ज करके विपक्ष के नेताओं को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। भाजपा (BJP) को अब इस तरह की साजिश से बाज आना चाहिए।
हाल के दिनों में कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में विपक्ष की एकजुटता के अभाव में भाजपा (BJP) अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रही थी। गोवा, गुजरात और उत्तराखंड समेत कुछ राज्यों में विपक्षी एकजुटता का अभाव दिखा था और भाजपा (BJP) बाजी मारने में कामयाब रही थी। ऐसे में ममता बनर्जी ने विपक्ष की एकजुटता पर जोर दिया है।
नवीन पटनायक से भी चर्चा करेंगे नीतीश कुमार
कोलकाता में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ बैठक के दौरान भी ममता ने विपक्षी दलों की बैठक आयोजित करने की बात कही थी। उनका कहना था कि बिहार लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Loknayak Jayaprakash Narayan) की धरती रही है और इसलिए ऐसी बैठक का आयोजन बिहार में किया जाना चाहिए। कोलकाता के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) उसी शाम लखनऊ पहुंचे थे और उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से भी चर्चा की थी।
अब वे जल्द ही विपक्ष की एकजुटता पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Odisha Chief Minister Naveen Patnaik) से भी चर्चा करने वाले हैं। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पहले से ही इस बात पर जोर देते रहे हैं कि यदि भाजपा (BJP) के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारा जाए तो भाजपा (BJP) को सौ सीटों से भी कम के आंकड़े पर रोका जा सकता है।