मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 (Mizoram Assembly Elections 2023) के बीच एनडीए (NDA) पार्टनर मिज़ो नेशनल फ़्रंट (MNF) ने मंगलवार को बीजेपी (BJP) को बड़ा झटका दिया है। मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा (Mizoram Chief Minister Zoramthanga) के तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि वह चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ मंच साझा नहीं करेंगे।
आइजोल। मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 (Mizoram Assembly Elections 2023) के बीच एनडीए (NDA) पार्टनर मिज़ो नेशनल फ़्रंट (MNF) ने मंगलवार को बीजेपी (BJP) को बड़ा झटका दिया है। मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा (Mizoram Chief Minister Zoramthanga) के तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि वह चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ मंच साझा नहीं करेंगे। जोरमथंगा ने कहा कि मणिपुर हिंसा (Manipur violence) में मैतेई समुदाय (Meitei Community) के लोगों ने चर्च पर हमला किया। बीजेपी (BJP) मणिपुर में मैतेई समर्थक मानी जाती है। अगर पीएम मोदी (PM Modi) के साथ मंच साझा किया तो चुनाव में एमएनएफ (MNF) को नुकसान होगा।
बता दें कि पिछले अगस्त में जब विपक्ष संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, तब भी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने बीजेपी (BJP) का साथ नहीं दिया था। एमएनएफ (MNF) ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया था हालांकि पार्टी के एकमात्र सांसद वोटिंग के दौरान शांत बने रहे। उन्होंने प्रस्ताव के न तो पक्ष और न ही विपक्ष में हाथ उठाया था।
मणिपुर हिंसा (Manipur violence) की आंच अब मिजोरम में एनडीए (NDA) गठबंधन पर पड़ती नजर आ रही है। मिजो नेशनल फ्रंट विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में बीजेपी (BJP) के साथ मिलकर चुनाव प्रचार नहीं करेगा। मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ मंच साझा करने का ऐलान कर दिया है। जब जोरमथंगा से पूछा गया कि फिर वह केंद्र में नरेंद्र मोदी के साथ क्यों हैं? इसके जवाब में जोरमथंगा ने कहा कि उनकी पार्टी पिछले 40 साल से कांग्रेस का विरोध कर रही है। यूपीए और इंडिया में कांग्रेस बड़ी साझीदार है, इसलिए वह केंद्र में बीजेपी (BJP) वाले गठबंधन का समर्थन करते हैं। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने साफ तौर से कहा कि अगर पीएम चुनाव प्रचार के लिए आएंगे तो यह बेहतर होगा कि वह अकेले अपने मंच पर रहे और मैं अपने मंच पर रहूं। उन्होंने मिजोरम में आने वाले शरणार्थियों को मदद करने से उनकी पार्टी को फायदा होगा।
बता दें कि मिजोरम की आबादी में 87 फीसदी लोग क्रिश्चियन है, जबकि हिंदू समुदाय की संख्या महज 2.75 पर्सेंट है। यहां सामाजिक जीवन और वोटरों पर चर्च का प्रभाव है। चर्च तय करता है कि वोट किस दल को मिलेगा। चर्च के समर्थन के कारण 2018 में एमएनएफ (MNF) को 26 सीटें और 37.7 फीसदी वोट मिले थे। 29 फीसदी वोट पाने वाली कांग्रेस को 24 सीटें गंवानी पड़ी थी। कांग्रेस को 5 और बीजेपी (BJP) को एक सीट से संतोष करना पड़ा था। बता दें कि मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर को वोटिंग होगी। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। यहां मुख्य मुकाबला मिजो नेशनल फ्रंट और कांग्रेस के बीच है। इस बार बीजेपी (BJP) ने भी मिजोरम में 12 प्रत्याशी उतारे हैं।