Mobile recharge will be cheaper: देश की प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने इस साल जुलाई में अपने टैरिफ महंगे कर दिये थे, जिसके बाद इन कंपनियों को यूजर्स के गुस्सा का सामना करना पड़ा है। साथ ही करोड़ों की संख्या में यूजर्स सस्ते प्लान के लिए बीएसएनएल पर विस्थापित हो चुके हैं। इस बीच भारत के दूरसंचार नियामक ट्राई (TRAI) ने टैरिफ नियमों में संशोधन किया है। जिससे कुछ प्लान सस्ते होने की उम्मीद है।
Mobile recharge will be cheaper: देश की प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने इस साल जुलाई में अपने टैरिफ महंगे कर दिये थे, जिसके बाद इन कंपनियों को यूजर्स के गुस्सा का सामना करना पड़ा है। साथ ही करोड़ों की संख्या में यूजर्स सस्ते प्लान के लिए बीएसएनएल पर विस्थापित हो चुके हैं। इस बीच भारत के दूरसंचार नियामक ट्राई (TRAI) ने टैरिफ नियमों में संशोधन किया है। जिससे कुछ प्लान सस्ते होने की उम्मीद है।
दरअसल, ट्राई ने टैरिफ नियमों में संशोधन करते हुए मोबाइल सर्विस प्रोवाइर्स को केवल वॉयस कॉल और एसएमएस के लिए रिचार्ज प्लान पेश करने का आदेश दिया है, जिसमें इंटरनेट डेटा खरीदने की बाध्यता नहीं रहे। नए नियमों का मकसद उन यूजर्स को बेहतर विकल्प प्रदान करना है जो मोबाइल डेटा का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसके अलावा, स्पेशल रिचार्ज कूपन की वैलिडिटी को वर्तमान 90 दिनों की सीमा से बढ़ाकर अधिकतम 365 दिन दिया गया है।
इंटरनेट डेटा खरीदने की बाध्यता खत्म होने से उन यूजर्स को फायदा होगा, जो अभी भी 2G नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर वे लोग दो सिम चल रहे हैं। इस फैसले के बाद यूजर्स केवल उन्हीं सेवाओं के लिए भुगतान करेंगे, जिनका इस्तेमाल वह कर रहे हैं। ऐसे में बिना इंटरनेट डेटा वाले प्लान की कीमत कम होने की संभावना है। बता दें कि भारत में लगभग 150 मिलियन यूजर्स अभी भी फीचर फोन पर निर्भर हैं।
ट्राई ने दूरसंचार उपभोक्ता संरक्षण (12वां संशोधन) विनियम, 2024 में कहा, “सर्विस प्रोवाइड को विशेष रूप से वॉयस और एसएमएस के लिए कम से कम एक स्पेशल टैरिफ वाउचर की पेशकश करनी होगी, जिसकी वैलिडिटी पीरियड तीन सौ पैंसठ दिनों से ज्यादा नहीं होगी।”