गणेश चतुर्थी पर भोग में मोदक का खास महत्व रहा है। इसे लोग अलग-अलग तरीके से बनाते और खाते हैं। उत्तर भारत में तो ज्यादातर लोग इसे खरीदकर खाते हैं। पर आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस मोदक को आप खा रहे हैं असल में वो महाराष्ट्रीयन मोदक नहीं है जिसे लोग मुंबई और दक्षिण भारत के बाकी हिस्सों में इस मौके पर खाते हैं।
Modak Making Recipe: गणेश चतुर्थी पर भोग में मोदक का खास महत्व रहा है। इसे लोग अलग-अलग तरीके से बनाते और खाते हैं। उत्तर भारत में तो ज्यादातर लोग इसे खरीदकर खाते हैं। पर आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस मोदक को आप खा रहे हैं असल में वो महाराष्ट्रीयन मोदक नहीं है जिसे लोग मुंबई और दक्षिण भारत के बाकी हिस्सों में इस मौके पर खाते हैं।
दरअसल, इस मोदक को उकडीचे मोदक (Modak) बोलते हैं जो कि भाप से पकाकर (Steamed Modak) बनता है। इसमें दूध का इस्तेमाल नहीं होता और न ही चीनी। इसके अलावा ये काफी हेल्दी होता है। जानते हैं इसकी रेसिपी के बारे में विस्तार से।
मोदक बनाने के लिए सबसे पहले मोदक की स्टफिंग तैयार करें। इसके लिए एक पैन में घी डालें और कद्दूकस नारियल डाल लें। इसके ऊपर गुड़ पाउडर या इस तोड़कर मिला लें। अब इस पर इलायची पाउडर डालें। ढक दें ताकि भाप से गुड़ पिघल जाए। इसके बाद इसे हल्की आंच पर चला-चला कर थोड़ा सूखा हुआ सा बना लें। बर्तन को उतार दें। इसके बाद एक कड़ाही चढ़ाएं और इसमें 4 कप पानी रखें। 2 कप चावल का आटा और 2 चम्मच घी इसमें डालें। थोड़ी देर इसे भी ढक दें। जब भाप से चावल का आटा सॉफ्ट और मिला-जुला सा नजर आए तो इसे उतार लें। अब नीचे इस चावल के आटे को, रोटी की आटे की तरह गूंदकर तैयार करें।
अब आपको मोदक साचा लेना है और इसके अंदर घी लगा लें। फिर इसमे इस आटे की छोटी सी लोई बनाकर डालनी है और इसके अंदर उंगलियों की मदद से डिजाइन पर प्रेस करते हुए चिपका देना ताकि मोदक का शेप आए। इसके बाद इसमें मोदक की गुड़ वाली स्टफिंग भरें और फिर इसके बाद ऊपर से थोड़ा सा आटा और चिपका दें। अब साचा खोलें और तैयार है आपका मोदक। अब स्टीमर बर्तन में इस तरह से तैयार मोदक को रखकर 10 से 15 मिनट तक पकाएं और इसे निकाल लें। अगर ये कच्चा सा लग रहा हो तो थोड़ा और पका लें। अब इसे सर्व करें।