भाषा को किसी मजहब के बंधन में नहीं बांधा जा सकता है। इसको कोई भी और कहीं भी पढ़-लिख सकता है। जी हां अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के संस्कृत विभाग (Sanskrit Department) में ये बात बिल्कुल अक्षरश: 100 फीसदी सच साबित हो रही है । यहां मुस्लिम विद्यार्थी गीता, वेद, उपनिषद (Upanishads) की पढ़ाई रहे हैं।
नई दिल्ली। भाषा को किसी मजहब के बंधन में नहीं बांधा जा सकता है। इसको कोई भी और कहीं भी पढ़-लिख सकता है। जी हां अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के संस्कृत विभाग (Sanskrit Department) में ये बात बिल्कुल अक्षरश: 100 फीसदी सच साबित हो रही है । यहां मुस्लिम विद्यार्थी गीता, वेद, उपनिषद (Upanishads) की पढ़ाई रहे हैं। 13 में से सात मुस्लिम छात्र संस्कृत में एमए जबकि 20 में 10 मुस्लिम शोधार्थी वेद, उपनिषद पर शोध कर रहे हैं। जयपुर की नगमा शाहिद आदि शंकराचार्य पर शोध कर रही हैं। वैदिक और इस्लाम में धर्म, सामाजिक, संस्कृति पर तुलनात्मक अध्ययन को लेकर मोहम्मद साकिब शोध कर रहे हैं।
यूनिवर्सिटी के 148 साल पुराने संस्कृत विभाग (Sanskrit Department) के चेयरमैन कक्ष में एमए की कक्षा में प्रो. सारिका वार्ष्णेय पढ़ा रही थीं। कक्ष में 10 विद्यार्थी थे। इनमें पांच मुस्लिम थे, जो वेद की पढ़ाई कर रहे थे। लाइब्रेरी में शोधार्थी नोट्स बना रहे थे। विभाग अब तक 140 से अधिक पीएचडी और 35 एमफिल की डिग्री दे चुका है। विभाग में साहित्य, वेद, दर्शन, कर्मकांड, श्रीमद्भागवत, महाभारत, रामायण, उपनिषद, आधुनिक संस्कृत की पढ़ाई होती है।
शोधार्थी नगमा शाहिद ने बताया कि मुझे संस्कृत पढ़ना अच्छा लगता है। आदि शंकराचार्य पर शोध कर रही हूं। मुझे संस्कृत में ही कॅरिअर बनाना है। छात्रा एमए सानिया जावेद ने बताया कि कर्मकांड (Rituals) , श्रीमद्भागवत (Shrimad Bhagavad Gita) , रामायण (Ramayana) , उपनिषद (Upanishads) पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं है। यह भी अन्य भाषा की तरह एक भाषा है। छात्र एमए फजले अहमद ने बताया कि पहले प्रयास में संस्कृत में जेएआरएफ नेट में सफल रहा हूं। हर भाषा पढ़नी चाहिए, क्योंकि इससे ज्ञानवर्धन होता है। शोधार्थी विशाखा ने बताया कि संस्कृत में भी भविष्य है। इसलिए संस्कृत की पढ़ाई कर रहे हैं। संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) भी रोजगार के द्वार खोल रही है।
विभागाध्यक्ष, संस्कृत विभाग, एएमयू प्रो. सारिका वार्ष्णेय ने बताया कि जो पढ़ रहे हैं, सभी मेरे लिए विद्यार्थी हैं। इन विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा मिले इस पर मेरा पूरा फोकस है। बीए, एमए, पीएचडी में 50 फीसदी मुस्लिम विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।
इस साल शुरू किए नए कोर्स
डा. हेमबाला ने बताया कि इस साल संस्कृत विभाग में भारतीय ज्ञान प्रणाली के प्रकाश में संस्कृत ग्रंथ, भारतीय ज्ञान प्रणाली में विधि और न्याय का सिद्धांत, कौटिल्य अर्थशास्त्र का सिद्धांत, महान महाकाव्य, योगा व तनाव प्रबंधन, गीता व तनाव प्रबंधन, गीता में जीवनशैली का प्रबंधन, चाणक्य सूत्र में सामाजिक व राजनीतिक सिद्धांत कोर्स शुरू हुए हैं।