मिर्गी के पेसेट्स के लिए सही खान पान बहुत जरुरी है। हालंकि कोई भी डाइट मिर्गी का इलाज नहीं कर सकता, लेकिन पोषक तत्वों की मदद से ब्रेन फंक्शन को बढ़ाने और सूजन को कम करने व न्यूरोलॉजिकल हेल्थ को सपोर्ट करने में हेल्प कर सकते है।
National Epilepsy Day 2024: मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें एक व्यक्ति को बार-बार दौरे पढ़ते हैं। यह समस्या मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी के कारण पैदा होती है। जब ये समस्या उत्पन्न होती है तो व्यक्ति का शरीर लड़खड़ाने लगता है और बेहोशी, हाथ पैर का झटकना, पेशाब कंट्रोल ना होना आदि लक्षण नजर आते हैं। ऐसे में हर साल 17 नवंबर को इस बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाई जाती है।
मिर्गी (Epilepsy) के पेसेट्स के लिए सही खान पान बहुत जरुरी है। हालंकि कोई भी डाइट मिर्गी का इलाज नहीं कर सकता, लेकिन पोषक तत्वों की मदद से ब्रेन फंक्शन को बढ़ाने और सूजन को कम करने व न्यूरोलॉजिकल हेल्थ को सपोर्ट करने में हेल्प कर सकते है।
मिर्गी (Epilepsy) के पेसेन्ट्स के लिए प्रोटीन बहुत जरुरी होता है। मिर्गी के पेसेंट्स को चीज,पीनट,मक्खन ,घी, बादाम, नारियल. मछली, चिकन, अंडा, टोफू, मीट, सोया, बादाम का दूध, कॉफी, काली चाय, पालक, पत्ता गोभी, एवोकाडो आदि का सेवन करना चाहिए। मिर्गी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का सेवन किया जाता है।
ऐसे में जिन चीजों में इसकी मात्रा ज्यादा होती है उन्हें अपनी डाइट से निकालना जरूरी होता है। उदाहरण के तौर पर मिठाई, शहद, किशमिश, फलों के जूस, कार्बोनेटेड ड्रिंक, दूध, शुगर, सिरप, चीनी, आम, लीची, अंगूर, पपीता, केला, अल्कोहल, वाइन, खजूर, शहर, ब्रेड, पास्ता, पिज़्ज़ा, दाल, फलियां, अनाज और मक्का, गेहूं, चावल, जौ, गाजर, प्रोसैस्ड फूड, आलू, चुकंदर, चॉकलेट, कैंडी, पेस्ट्री, डोनट आदि को निकाल दें। बता दें कि इन चीज़ों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। इनके सेवन से मिर्गी और गंभीर रूप ले सकती है।