NEET UG 2024: नीट मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई शुरू हो गई है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice Justice DY Chandrachud) , जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की बेंच सुनवाई कर रही है।
NEET UG 2024: नीट मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई शुरू हो गई है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice Justice DY Chandrachud) , जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की बेंच सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि IIT दिल्ली के प्रोफेसरों की कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक जिस सवाल के दो जवाब सही माने गए थे, उसे ऑप्शन 4 को सही माना है। सीजीआई (CJI) ने कहा कि हमें IIT दिल्ली की रिपोर्ट मिल गई है। IIT के डायरेक्टर प्रोफेसर बनर्जी (IIT Director Professor Banerjee) ने भौतिकी विभाग (Department of Physics) से एक समिति गठित की, उन्होंने कहा कि तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की। उन्होंने कहा कि विकल्प 4 सही उत्तर है।
नीट यूजी परीक्षा (NEET UG Exam) को लेकर एक ऐसा पेंच उलझा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुलझाने की जिम्मेदारी आईआईटी दिल्ली को दिया था। दरअसल, यह पूरा मामला नीट यूजी (NEET UG) के पेपर में आए एक सवाल से जुड़ा है। भौतिक विज्ञान (Department of Physics) के इस सवाल के दो ऑप्शन दिए गए थे और दोनों ही ऑप्शन सही थे। यानि कि किसी भी स्टूडेंट ने जो भी ऑप्शन चुने, उसे मॉर्क्स मिले। इस सवाल के ऑप्शन को लेकर उठे विवाद के बाद अब सवाल यह उठने लगा है कि इसका असर नीट यूजी के कितने परीक्षार्थियों पर पड़ेगा। जानकारों की मानें तो इस सवाल के जवाब से नीट की परीक्षा देने वाले लाखों परीक्षार्थियों का गुणा गणित बिगड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस सवाल की गुत्थी सुलझाने के लिए आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के विशेषज्ञों से राय मांगी थी, अब यह रिपोर्ट आ गई है।
4.20 लाख से अधिक छात्र होंगे प्रभावित
नीट परीक्षा (NEET Exam) में पूछे गए इस सवाल के उत्तर में दिया गया विकल्प 2 अगर गलत पाया जाता है, तो इससे 4.20 लाख से अधिक छात्र प्रभावित होंगे। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई के दौरान सोमवार को मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने कहा कि बेंच को इस बात की चिंता है कि 4 लाख से अधिक छात्रों को विकल्प 2 को सही मानने से लाभ हुआ है, इसलिए यदि अचानक विकल्प 2 को गलत माना जाता है, तो 4.20 लाख छात्रों को चार अंक खोने के साथ-साथ एक नकारात्मक अंक भी मिलेगा। इससे काफी कुछ प्रभावित हो सकता है।