NEET UG Paper Leak : नीट-यूजी मामले (NEET UG Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अब राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा - यूजी 2024 (National Eligibility Entrance Test - UG 2024) को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं पर 18 जुलाई को सुनवाई करेगा।
NEET UG Paper Leak : नीट-यूजी मामले (NEET UG Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अब राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा – यूजी 2024 (National Eligibility Entrance Test – UG 2024) को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं पर 18 जुलाई को सुनवाई करेगा। सीजेआई (CJI) की अगुवाई वाली बेंच ने नीट मामले की सुनवाई अगले गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने आदेश में कहा कि मामले के कुछ पक्षकारों को केंद्र और एनटीए (NTA) द्वारा दायर हलफनामे नहीं मिले हैं और उन्हें बहस से पहले अपने जवाब तैयार करने की जरूरत है।
केंद्र, सीबीआई और NTA ने कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
केंद्र सरकार, सीबीआई और एनटीए (NTA) ने नीट-यूजी मामले में हलफनामा दााखिल कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर NTA के हलफनामे में कहा गया कि एनटीए (NTA) ने राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर और केंद्र स्तर पर NEET-UG 2024 में शामिल हुए अभ्यर्थियों के अंकों के वितरण का विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण से पता चलता है कि अंकों का वितरण काफी सामान्य है। एनटीए (NTA) के मुताबिक ऐसा कोई बाहरी कारक उनके सामने नहीं आया है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि इससे अभ्यर्थियों को मिलने वाले अंकों पर असर पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल अतिरिक्त हलफनामे में कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के वास्ते काउंसिलिंग की प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू हो रहे चार चरणों में की जाएगी। जबकि एनटीए (NTA) ने अपने हलफनामे में बड़े पैमाने पर कदाचार से इनकार कर दिया है। एनटीए (NTA) ने कोर्ट को प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई, उसे लाने-ले जाने और वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारियां दी।
परीक्षा में धांधली चिंताजनक, पेपर लीक होने की बात साफ
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आठ जुलाई को इस मामले की सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि एक बात तो साफ है कि प्रश्न-पत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। लीक की प्रकृति कुछ ऐसी है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे। इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए।