लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के अंदर मनमुटाव देखने को मिल रहा है। इसको लेकर विपक्षी दल लगातार भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। खासकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों लगातार हमले कर रहे हैं।
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के अंदर मनमुटाव देखने को मिल रहा है। इसको लेकर विपक्षी दल लगातार भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। खासकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों लगातार हमले कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, न संगठन बड़ा होता है, न सरकार। सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण। दरअसल संगठन और सरकार तो बस साधन होते हैं, लोकतंत्र में साध्य तो जनसेवा ही होती है। जो साधन की श्रेष्ठता के झगड़े में उलझे हैं, वो सत्ता और पद के भोग के लालच में है, उन्हें जनता की कोई परवाह ही नहीं है। भाजपाई सत्तान्मुखी है, सेवान्मुखी नहीं!
बता दें कि, अखिलेश यादव का ये निशाना डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर है। कुछ देर पहले ही डिप्टी सीएम ने अखिलेश यादव के मानसून आफर वाले बयान पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा कि, मानसून आफर को 2027 में 47 पर जनता और कार्यकर्ता फिर समेटेंगे। एक डूबता जहाज़ और समाप्त होने वाला दल जिसका वर्तमान और भविष्य ख़तरे में है। वह मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख सकता है, परंतु पूर्ण नहीं हो सकता। 2027 में 2017 दोहरायेंगे, फिर कमल की सरकार बनायेंगे।