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NEP 2020 : यूपी के प्राइमरी स्कूलों में शैक्षिक सत्र 2025-26 से कक्षा तीन में NCERT किताबों से होगी पढ़ाई

यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) ने अब तीसरी क्लास में भी NCERT की किताबों का पढ़ाने का फैसला लिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को और प्रभावी बनाने के लिए यूपी बेसिक शिक्षा विभाग (UP Basic Education Department) ने शैक्षिक सत्र 2025-26 से कक्षा तीन में भी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताबों को पढ़ाने का फैसला लिया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) ने अब तीसरी क्लास में भी NCERT की किताबों का पढ़ाने का फैसला लिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को और प्रभावी बनाने के लिए यूपी बेसिक शिक्षा विभाग (UP Basic Education Department) ने शैक्षिक सत्र 2025-26 से कक्षा तीन में भी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताबों को पढ़ाने का फैसला लिया है। इसके अलावा किताबों में क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों को शामिल किया जाएगा।

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SCERTने  किताबों में 10-15 फीसदी बदलाव की तैयारी शुरू कर दी

बता दें कि यूपी परिषदीय स्कूलों (UP Council Schools) में वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2024-45 में कक्षा एक-दो में एनसीईआरटी (NCERT)  की किताबें पढ़ाई जा रही हैं, लेकिन अब इसे तीसरी क्लास में भी लागू किया जा रहा है। हालांकि किताबों में 10 से 15 प्रतिशत तक बदलाव करने की तैयारी है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

इन क्षेत्रीय भाषाओं को जोड़ने का प्लान

अधिकारियों के मुताबिक़, गणित और संस्कृत/उर्दू में बहुत बदलाव की संभावना नहीं है, लेकिन हिंदी, अंग्रेजी व सामाजिक विज्ञान विषय में प्रदेश के स्तर पर कुछ चीजें शामिल की जा सकती हैं। इसके तहत क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों जैसे भोजपुरी, बुंदेलखंडी, अवधी आदि को शामिल किया जा रहा है। इनकी शब्दावली को भी हिंदी की पुस्तक में जोड़ा जा रहा है, जिससे बच्चे अपने यहां की चीजों की जानकारी पा सकेंगे।

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विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अंग्रेजी और हिंदी में यूपी के परिप्रेक्ष्य में जानकारी जोड़ी जा रही हैं। जल्द ही इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को बिना किसी शुल्क के किताबें मुहैया करता है। साथ ही ड्रेस, जूता-मोजा, स्टेशनरी के लिए भी स्कॉलरशिप के तौर पर छात्रों के बैंक अकाउंट में पैसा डाला जाता है।

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