टेलीविज़न शो ‘ क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ मे स्मृति ईरानी के वापसी को लेकर एक बार फिर इस सीरियल का क्रेज़ लोगों में देखने को मिल रहा है। अब इसका नया प्रोमो सामने आया है जिसमें स्मृति ईरानी तुलसी के किरदार में शानदार कमबैक की हैं।ये वीडियो करीब 1 मिनट का है। इसमें तुलसी पुराने दिनों को याद करती है और परिवार, परंपरा और संस्कारों की बात करती नजर आती है। इस प्रोमो ने दर्शकों में पुरानी यादें ताजा कर दी हैं। काफी टाइम बाद लोग स्मृति ईरानी को इस आइकॉनिक रोल में देखकर लोग काफी भावुक और उत्साहित हो गए हैं। फैंस स्मृति को इस रोल में बेहद प्यार दें रहे हैं।
Kyunki Saas Bhi kabhi bahu Thi : टेलीविज़न शो ‘ क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ मे स्मृति ईरानी के वापसी को लेकर एक बार फिर इस सीरियल का क्रेज़ लोगों में देखने को मिल रहा है। अब इसका नया प्रोमो सामने आया है जिसमें स्मृति ईरानी तुलसी के किरदार में शानदार कमबैक की हैं।ये वीडियो करीब 1 मिनट का है। इसमें तुलसी पुराने दिनों को याद करती है और परिवार, परंपरा और संस्कारों की बात करती नजर आती है। इस प्रोमो ने दर्शकों में पुरानी यादें ताजा कर दी हैं। काफी टाइम बाद लोग स्मृति ईरानी को इस आइकॉनिक रोल में देखकर लोग काफी भावुक और उत्साहित हो गए हैं। फैंस स्मृति को इस रोल में बेहद प्यार दें रहे हैं।
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ का नया प्रोमो आया सामने
वीडियो के स्टार्टिंग में तुलसी लैपटॉप पर काम कर रही होती हैं। इसके बाद वो अपने परिवार और मुश्किल वक्त के बारे में बात करती हैं। दीप जलाते और रंगोली बनाते हुए तुलसी जीवन के सिद्धांतों पर बात करती हैं। वह शो की सबसे बुज़ुर्ग सदस्य ‘बा’ को श्रद्धांजलि भी देती हैं। वीडियो के लास्ट में तुलसी कहती हैं, ‘फिर आ रही है तुलसी आपके आंगन में खिलने।‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ एक प्रसिध्य टीवी सीरियल है। ये धारावाहिक 2000 से 2008 तक चला था। अब यह शो फिर से 29 जुलाई से रात 10:30 बजे स्टार प्लस और जियोसिनेमा पर दिखाया जाएगा। इस शो में पहले अमर उपाध्याय, अपरा मेहता और हितेन तेजवानी जैसे कलाकार भी थे और इसे एकता कपूर ने बनाया था।
शो को लेकर स्मृति ईरानी ने कहा था कि …..
एक रिपोर्ट के अनुसार शो में वापसी को लेकर स्मृति ईरानी ने कहा कि ये सिर्फ एक किरदार में वापसी नहीं है, बल्कि उस कहानी की ओर लौटना है जिसने भारतीय टीवी को नई पहचान दी और उनके अपने जीवन को भी बदला और ये यह उन्हें लोगों से जुड़ने और संस्कृति को संरक्षित करने का सुनहरा अवसर देता है।