नाइजर (Niger) में हुए तख्तापलट के बाद वहां मौजूद भारतीयों के लिए भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी (Issued an Advisory) की है। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के तरफ से जारी एडवाइजरी में भारतीयों को वहां से वापस अपने देश लौटने को कहा गया है।
नियामी। नाइजर (Niger) में हुए तख्तापलट के बाद वहां मौजूद भारतीयों के लिए भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी (Issued an Advisory) की है। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के तरफ से जारी एडवाइजरी में भारतीयों को वहां से वापस अपने देश लौटने को कहा गया है। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने कहा कि वे भारतीय जिन्हें नाइजर में रहना जरूरी नहीं हैं वे जल्द से जल्द नाइजर (Niger) से भारत वापसी के लिए निकलें। इसके साथ ही कहा गया कि जो लोग भारतीय दूतावास (Indian Embassy) के संपर्क स्थापित नहीं कर पाए हैं वह अपने आप को रजिस्टर करें।
गौरतलब है कि पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजर (Niger) में करीब 250 भारतीय नागरिक रहते हैं। वहां तख्तापलट के बाद उपजे हालातों को देखते हुए भारत सरकार (Indian Government) ने वहां से नागरिकों से लौटने की अपील की है। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs)ने लोगों की वतन वापसी के लिए दूतावास में संपर्क करने और अपना नाम रजिस्टर कराने को कहा है।
दरअसल, अफ्रीकी देश नाइजर में सेना ने हाल ही में राष्ट्रपति मोहम्मद बाजौम (President Mohamed Bazoum) का तख्तापलट किया है। तख्तापलट के बाद राष्ट्रपति को नजरबंद करके रखा गया है। इसके बाद वहां के हालात बिगड़ रहे हैं। सैनिकों ने नेशनल टीवी पर इस तख्तापलट का ऐलान किया। सेना ने नाइजर के संविधान को भंग करने का ऐलान करते हुए सभी संस्थानों को निलंबित कर दिया। इस तख्तापलट के बाद देश की सभी सीमाओं को बंद कर दिया।
पहले भी हो चुका है तख्तापलट
नाइजर में तख्तापलट पहली बार नहीं हुआ है। साल 1960 में फ्रांस से आजादी मिलने के बाद यहां अब तक चार बार तख्तापलट हो चुका है। नाइजर से पहले उसके दो पड़ोसी देशों माली और बुर्किना फासो में पिछले सालों जिहादी विद्रोह के बाद तख्तापलट हुआ था और अब इस छोटे से देश में तख्तापलट ने दुनियाभर की चिंता बढ़ा दी है। खासकर अमेरिका और अफ्रीकी यूनियन संघ की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ गई है।
राष्ट्रपति बाजौम ने सेना पर लगाया खराब खाना देने का आरोप
राष्ट्रपति मोहम्मद बाजौम (President Mohamed Bazoum) का कहना है कि उन्हें नजरबंद कर अलग-थलग रखा गया है और खाने के नाम पर मिलिट्री जुंटा सिर्फ सूखी बर्फ और पास्ता दे रहा है। मिलिट्री जुंटा के ऊपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह बाजौम को वापस सत्ता सौंप दे। मिलिट्री जुंटा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। मिलिट्री जुंटा अंतरराष्ट्रीय दबाव को इसलिए भी खारिज कर रही है क्योंकि उसे लोगों की तरफ से भी समर्थन मिल रहा है। इस वजह से ही वह सत्ता में बने हुए हैं।