संसद के शीतकालीन सत्र में आज वन नेशन, वन इलेक्शन बिल (One Nation, One Election Bill) स्वीकार हो गया है। पर्ची से हुए मतदान के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने पर्ची से हुए मतदान के नतीजे बताए। स्पीकर ने कहा कि जब भी इलेक्ट्रॉनिक मतदान होता है। उसमें कुछ सही नहीं होता है, तभी पर्चा मांगें। लोकसभा स्पीकर ने बताया कि प्रस्ताव के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े।
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में आज वन नेशन, वन इलेक्शन बिल (One Nation, One Election Bill) स्वीकार हो गया है। पर्ची से हुए मतदान के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने पर्ची से हुए मतदान के नतीजे बताए। स्पीकर ने कहा कि जब भी इलेक्ट्रॉनिक मतदान होता है। उसमें कुछ सही नहीं होता है, तभी पर्चा मांगें। लोकसभा स्पीकर ने बताया कि प्रस्ताव के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। बहुमत प्रस्ताव के पक्ष में है। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बता दें कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024’ लोकसभा में पेश किया। वहीं, राज्यसभा में आज भी संविधान पर चर्चा जारी है। इसके साथ ही राज्यसभा में ‘संविधान पर चर्चा’ जारी है।
विधेयक को जेपीसी में भेजने की मांग
सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से भी विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की मांग की गई है। वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने विधेयक का समर्थन किया।
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के आधारभूत ढांचे के खिलाफ है। यह विधेयक क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म कर देगा और इससे सिर्फ राष्ट्रीय पार्टियों को फायदा होगा।
कांग्रेस ने बताया संविधान के खिलाफ
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह लोगों के वोट देने के अधिकार पर हमला है। चुनाव आयोग को इस विधेयक में बहुत ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। संविधान में चुनाव आयोग को सिर्फ चुनाव कराने की व्यवस्था करने का ही प्रावधान किया गया है, लेकिन इस विधेयक में राष्ट्रपति के चुनाव आयोग से चुनाव को लेकर सलाह लेने का प्रावधान दिया गया है, जो संविधान के खिलाफ है।
चुनाव आयोग को दी जा रहीं कई शक्तियां : कल्याण बनर्जी
टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि संविधान संशोधन के तहत चुनाव आयोग को काफी शक्तियां दी जा रही हैं, जिसके बाद राज्य सरकारें चुनाव आयोग के सामने कुछ नहीं रह जाएंगी। कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी विधेयक का विरोध किया। वहीं एनडीए की सहयोगी तेदेपा ने विधेयक को समर्थन देने की बात कही।