संसद का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर है। इसी बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar) के खिलाफ विपक्ष अब आर-पार के मूड में है। विपक्ष धनखड़ को पद से हटाने के लिए राज्यसभा में आर्टिकल 67 (Article 67 in Rajya Sabha) के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है।
नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर है। इसी बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar) के खिलाफ विपक्ष अब आर-पार के मूड में है। विपक्ष धनखड़ को पद से हटाने के लिए राज्यसभा में आर्टिकल 67 (Article 67 in Rajya Sabha) के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। राज्यसभा की कार्यवाही (Proceedings of Rajya Sabha) 3.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
संसद के मानसून सत्र के दौरान एक बार फिर सभापति जगदीप धनखड़ (Chairman Jagdeep Dhankhar)और विपक्षी नेताओं के बीच तनातनी देखी गई। आज उच्च सदन की सदस्य जया बच्चन (Jaya Bachchan) और उपराष्ट्रपति आमने-सामने आ गए। जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने कहा कि मैं जया अमिताभ बच्चन (Jaya Amitabh Bachchan) यह बोलना चाहती हूं कि मैं कलाकार हूं। बॉडी लैंग्वेज समझती हूं और चेहरे की अभिव्यक्ति समझती हूं। सर! माफ कीजिएगा, आपका लहजा स्वीकार्य नहीं है। भले ही आप आसन पर बैठे हैं, लेकिन हम आपके साथी हैं।’
इस पर सभापति धनखड़ ने सख्त लहजे में कहा कि जया जी, कृपया अपने स्थान पर बैठिए। आपने अपनी एक प्रतिष्ठा बनाई है। आप जानती हैं कि अभिनेता निर्देशक के अनुसार काम करता है। आपने वह चीजें नहीं देखी हैं, जो मैंने यहां इस आसन पर बैठकर देखी हूं। आप मेरे लहजे के बारे में बात कर रही हैं? बस बहुत हुआ। आप होंगे सेलिब्रिटी, लेकिन आपको यहां सदन की गरिमा का ध्यान रखना होगा।’
बाहर आकर जया बच्चन ने क्या कहा?
इसके बाद राज्यसभा सदस्य जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि वो डांटने वाले कौन होते हैं, मैं यह स्वतंत्रता किसी और को नहीं दे सकती। मेरे साथ अपमानजनक बर्ताव हुआ। वहां लहजा खराब है, कितना हम सहन करें? सत्तापक्ष के लोग कुछ भी बोलते हैं, उस पर हम कुछ कहें तो कहा जाता है कि चैम्बर में आकर बात करें। हम चैम्बर में क्यों जाएं? वहां फ्लोर पर ही बात होनी चाहिए। जया बच्चन ने कहा कि वो बुद्धिहीन जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वो कहते हैं कि आप होंगी सेलिब्रिटी, हम परवाह नहीं करते। मत कीजिए परवाह, मैं सेलिब्रिटी नहीं, राज्यसभा सदस्य की हैसियत से यहां हूं। अब आगे हमारे विपक्ष के नेता जो कहेंगे, हम वही करेंगे।
जया बच्चन ने कहा कि मैंने अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति जताई। हम स्कूली बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ तो बहुत ही वरिष्ठ हैं। मैं उनके लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति देनी होगी। मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करना, जो मैं आप सभी के सामने नहीं कहना चाहती। मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं। यह मेरा पांचवां कार्यकाल है। मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं। इन दिनों संसद में जिस तरह से बातें की जा रही हैं, वैसा पहले कभी किसी ने नहीं बोला। मैं माफी चाहती हूं।
पहले भी हो चुकी तनातनी
इससे पहले जब उच्च सदन में अपनी बात रखने के लिए जया बच्चन (Jaya Bachchan) का नाम अमिताभ के साथ जोड़ कर लिया गया था तो भी वह इससे नाराज नजर आईं थीं। दरअसल, उपसभापति हरिवंश ने उन्हें जया अमिताभ बच्चन कहकर संबोधित किया था। यह सुनते ही राज्यसभा सांसद नाराज हो गईं। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा था कि सर, सिर्फ जया बच्चन (Jaya Bachchan) बोल देते तो काफी रहता। उनकी बात सुनकर उपसभापति ने कहा कि यहां पूरा नाम लिखा था, मैंने इसे सिर्फ दोहराया है। इस पर जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने कहा कि यह नया ट्रेंड शुरू हुआ है कि महिलाएं पति के नाम से जानी जाएंगी। उनका कोई अस्तित्व ही नहीं है।
नेता सदन जेपी नड्डा (JP Nadda) ने विपक्ष के व्यवहार की निंदा करते हुए निंदा प्रस्ताव पेश किया। जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कहा कि विपक्ष मुद्दाविहीन हो गया है और इसीलिए अमर्यादित आचरण कर रहा है। विघटनकारी शक्तियों के साथ खड़े हो जाना अति निंदनीय है। जेपी नड्डा (JP Nadda) ने निंदा प्रस्ताव रखा।