पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का आज सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने अमेरिका के अस्पताल में अंतिम सांस ली। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जाकिर हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की बीमारी की वजह से उनका निधन हो हुआ।
पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन ( Zakir Hussain) का आज सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने अमेरिका के अस्पताल में अंतिम सांस ली। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जाकिर हुसैन ( Zakir Hussain) इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की बीमारी की वजह से उनका निधन हो हुआ।
यह एक फेफड़ों की बीमारी है। इसमें कॉम्प्लिकेशन आने की वजह से हालत बिगड़ी थी। रविवार को उस्ताद जाकिर हुसैन ( Zakir Hussain) को आईसीयू में एडमिट किया गया था। इडियोपेथिक पलमोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारी है।
जब सांस लेते है तो ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों में छोटी छोटी हवा की थैलियों से होते हुए खून में जाता है और फिर वहां बहुत बॉडी पार्ट्स को मिलता है। लेकिन यह बीमारी होने पर फेफड़ों के अंदर स्कार टिशू बढ़ने लगते है जिससे सांस लेने की दिक्कत होने लगती है।
बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या और भी अधिक बिगड़ने लगती है। बढ़ती उम्र के साथ फेफड़ों के जरिये खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिससे शरीर के दूसरे अंग ठीक तरीके से कम नहीं कर पाते।
इस बीमारी को लेकर जो सबसे जरूरी और जानने वाली बात है वो यह कि इडियोपैथिक पलमोनरी फाइब्रोसिस बीमारी का कोई परमानेंट इलाज नहीं है। इस बीमारी को सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है। गंभीर स्थिति में लंग्स ट्रांसप्लांट करना एक विकल्प हो सकता है।
हालत बिगड़ने पर धीरे-धीरे फेफड़ों में टिशु बढ़ने लगते हैं और लंग्स जख्मी जैसे होने लग जाते हैं। इसकी वजह से पैरों में सूजन, भूख में कमी, सीने में दर्द या जकड़न, थकान, गले में खराश, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और वजन घटने जैसी समस्याएं नजर आने लगती है। ऐसे में अगर किसी और बीमारी से आप पीड़ित है तो मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ सकती है।