भारतीय थाली में दाल भोजन का नेतृत्व करती है। दाल के विना थाली अधूरी और सूनी लगती है। भारतीय भोजन व्यवस्था में कई प्रकार की दालों का प्रयोग किया जाता है।
Panchmel Dal : भारतीय थाली में दाल भोजन का नेतृत्व करती है। दाल के विना थाली अधूरी और सूनी लगती है। भारतीय भोजन व्यवस्था में कई प्रकार की दालों का प्रयोग किया जाता है। देश की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार, दालों का इस्तेमाल रसोई घरों में होता है। भोजन विशेषज्ञों के अनुसार, दाल हमारे पोषण में विशेष रोल अदा करती है। दाल को प्रोटीन का खजाना माना जाता हैं। कई दालों को एक साथ मिलाकर बनाने से आप कई पोषक तत्वों का लाभ मिलता है। फाइबर से भरपूर इन दालों को बनाने से पेट से जुड़ी कब्ज की समस्या भी दूर होती है। इसे पंचमेल दाल कहते है। पंचमेल दाल टेस्टी हेल्दी और परंपरागत व्यंजनों में से एक है। पंचमेल दाल प्रोटीन व अन्य पौष्टिक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हैं।
पंचमेल दाल
पंचमेल दाल में अरहर, चना, मूंग, मसूर और उड़द की पांच दालों का मिश्रण होता है। इसी कारण इन दालों को पंचमेल दाल कहते हैं। हर एक दाल पोषक तत्व लिए हुए होती है। एक साथ इनका सेवन ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है।
पंचमेल दाल काफी हैवी होती है, इस वजह से आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी और पेट लम्बे समय तक भरा हुआ रहता है। साथ ही ये कफ और पित्त की समस्या को कम करने में भी बेहद असरदार है।
स्किन करने लगती है ग्लो
मसूर दाल का इस्तेमाल स्किन को खूबसूरत बनाने के लिए भी किया जाता है। तो इसे खाने से सेहत के साथ साथ आपकी स्किन ग्लो करती है। उड़द दाल में एंटी एजिंग गुण मौजूद होते हैं, जो असमय बुढ़ापे के असर को कम करते हैं।
पोषक तत्वों की जरूरत पूरा करते हैं
दाल में प्रोटीन के साथ कैल्शियम फास्फोरस आयरन कार्बोहाइड्रेट मैग्नीशियम एवं अन्य खनिज लवण भी प्राप्त हो जाते हैं। जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करते है और आपके शरीर में पोषक तत्वों की जरूरत को भी पूरा करते हैं।