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Parliament Special Session : मोदी सरकार का सख्त फरमान, विशेष सत्र के दौरान टॉप अफसर और सचिव न छोड़ें दिल्ली

संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session)  को लेकर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ी तैयारी की है। सूत्रों की मानें तो संसद के स्पेशल सत्र के दौरान केंद्र सरकार के सभी विभागों के टॉप आफिसर्स, सचिव, कैबिनेट सचिव को दिल्ली में रहने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार कहा है कि कोई भी विभाग का सचिव बिना प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की अनुमति के दिल्ली से बाहर नहीं जायेगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session)  को लेकर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ी तैयारी की है। सूत्रों की मानें तो संसद के स्पेशल सत्र के दौरान केंद्र सरकार के सभी विभागों के टॉप आफिसर्स, सचिव, कैबिनेट सचिव को दिल्ली में रहने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार कहा है कि कोई भी विभाग का सचिव बिना प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की अनुमति के दिल्ली से बाहर नहीं जायेगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने ‘अमृत काल’ के बीच 18 से 22 सितंबर तक ‘संसद का विशेष सत्र’ (Parliament Special Session)   बुलाया है, जिसमें पांच बैठकें होंगी। यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Parliamentary Affairs Minister Prahlad Joshi) ने गुरुवार को दी। सरकार ने हालांकि संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session)  का एजेंडा घोषित नहीं किया।

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सूत्रों ने बताया कि संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session)  के दौरान सरकार चाहती है कि केंद्र का कोई भी बड़ा अधिकारी या सचिव दिल्ली से बाहर नहीं जाए। हालांकि, सरकार की ओर से इसके पीछे की वजह नहीं बताई गई है। बता दें कि ‘संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है। संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। हालांकि यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है।

संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने की मानें तो संसद के इस विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। उन्होंने कहा था कि अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस को लेकर आशान्वित हूं। ट्विटर पर इस पोस्ट के साथ प्रहलाद जोशी ने संसद के पुराने भवन के साथ ही नए भवन की तस्वीर भी साझा की है। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार ने यह विशेष सत्र नए संसद भवन में ही बुलाई है।

बता दें कि मोदी सरकार के अब तक के नौ वर्षो से अधिक के कार्यकाल में पहली बार संसद का ऐसा विशेष सत्र बुलाया गया है। इससे पहले हालांकि ‘जीएसटी’ के लागू होने के अवसर पर जून 2017 की मध्यरात्रि को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त सत्र बुलायी गयी थी। सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नये संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था। संसद के नये भवन से जुड़े निर्माण कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि यह सत्र की मेजबानी के लिए तैयार हो सके।

आमतौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं। इसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं। विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रविधान है। संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को समाप्त हुआ था। हाल में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अमृत काल के दौरान भारत के लक्ष्य भी विशेष सत्र में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं। विशेष सत्र का एजेंडा स्पष्ट नहीं होने के बीच ऐसी अटकलें हैं कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार (Modi Government)  कोई विधेयक पेश कर सकती है या फिर एक देश और एक चुनाव पर कुछ बड़ा ऐलान कर सकती है।

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