लखनऊ: राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल से यहां परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मुलाकात की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने राज्यपाल को परमार्थ निकेतन में होने वाली दिव्य गंगा आरती में सहभाग के लिए आमंत्रित किया और उन्होंने सहर्ष इस आमंत्रण को स्वीकार किया। उन्होंने राज्यपाल को कुम्भ मेला हरिद्वार में भी सहभाग के लिए आमंत्रित किया।
वहीं अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम में स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य एवं राष्ट्रीय कवि संगम के संरक्षक इंद्रेश कुमार तथा सभी कवियों को मां गंगाजी आरती में सहभाग के लिए आमंत्रित किया। इस मौके पर इंद्रेश कुमार द्वारा लाये गये ‘सबके राम सबमें राम’ लॉकेट का विमोचन हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने पहला लाकेट सबसे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय को पहनाया। इस मौके पर इंद्रेश कुमार एवं चम्पत राय ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती को श्री राम मन्दिर की प्रतिकृति भेंट की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि कवि वे शिल्पी होते हैं जिनका सामाजिक समस्याओं पर प्रहार भी होता है और वे समाधान भी देते हैं। कविताओं के माध्यम से जनमानस की चेतना को जाग्रत किया जा सकता हैं। कविताओं में संवेदना, ज्ञान, समस्याओं को उजागर करने की क्षमता और समाधान की ताकत भी होती है इसलिये कविताओं को हमेशा जीवंत बनाये रखना जरूरी है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि, हनुमान गढ़ी, सरयू दर्शन और पूज्य संतों का दर्शन भी किया। उन्होंने अयोध्या में परमार्थ निकेतन गुरुकुल की तर्ज पर एक गुरुकुल खोलने की इच्छा जतायी है, ताकि वे दिव्य नगरी अयोध्या की दिव्यता और पवित्रता को बनाये रखने के लिये सरयू जी की आरती के साथ-साथ यहां की स्वच्छता और हरियाली को बनाये रखने के लिए सहयोग कर सके।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि परमार्थ निकेतन की आरती विश्व विख्यात है। विश्व के विभिन्न देशों से आने वाले श्रद्धालु परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग करने के लिए उत्सुक रहते हैं। उसी तरह सरयू जी की आरती को भी विशाल, भव्य और दिव्य स्वरूप प्रदान किया जा सकता है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अयोध्या के पूज्य संतों से वहां रुद्राक्ष पौधरोपण के विषय में भी चर्चा की।