दीपावली का त्यौहार खूब धूमधाम से मनाया जाता है। पटाखों के बिना दीवाली का त्यौहार अधूरा सा लगता है। इसलिए जमकर आतिशबाजी की जाती है। ऐसे में अस्थमा और सांस से जुड़ी समस्याओं वाले लोगो को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ जाता है।
दीपावली का त्यौहार खूब धूमधाम से मनाया जाता है। पटाखों के बिना दीवाली का त्यौहार अधूरा सा लगता है। इसलिए जमकर आतिशबाजी की जाती है। ऐसे में अस्थमा और सांस से जुड़ी समस्याओं वाले लोगो को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ जाता है।
ऐसे में अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो सांस और अस्थमा के पेसेंट्स को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सबसे पहले तो दीवाली से पहले अपने घर की सफाई कर डाले। ऐसे में अगर आपको सांस की दिक्कत है तो इस धूल मिट्टी से दूर रहें।
हो सके तो मुंह और नाक को कवर करके सफाई करें। दीवाली के समय पर सांस से जुड़ी समस्याओं वाली जिन दवाओं का आप सेवन करते हैं उन्हे करना जरा भी न भूलें। ऐसा करने से दिक्कतों से बचे रहेंगे। साथ ही अपने सात हमेशा इन्हेलर जरुर रखें। ताकि समय पर आप इसे लेकर आराम पा सके।
दीवाली के दिन पटाखों से दूर रहें। क्योंकि पटाखों से निकलने वाला धुआं आपकी सांस की परेशानी को और भी बढ़ा सकता है। कोशिश करें मास्क लगाकर रखें।
अस्थमा या सांस के मरीजों को दीवाली के दिन घर में अंदर ही रहना चाहिए। ताकि पटाखों से निकलने वाले धुएं से बच सकें।
इतना ही नहीं अपने खाने पीने का खास ख्याल रखें। कोशिश करें दीवाली के दिन बहुत अधिक ऑयली और मिठाईयां कम खाये और इसकी जगह पर फल और सब्जियों का सेवन करें।