यूपी में पहली बार बनेगी सरोगेट मां (Surrogate Mother)। प्रदेश सरकार ने दंपति को इसकी अनुमति दे दिया है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के परीक्षण में दंपति के अनफिट होने पर सरोगेट मां बनने की अनुमति विभाग ने दे दिया है। इसके चलते ये लखनऊ की पहली सेरोगेट मां होगी। अभी तक इससे पहले आए आवेदनों को किसी न किसी प्रकार की कमी बताकर आवेदनों को कैंसिल कर दिया जाता था।
लखनऊ। यूपी में पहली बार बनेगी सरोगेट मां (Surrogate Mother)। प्रदेश सरकार ने दंपति को इसकी अनुमति दे दिया है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के परीक्षण में दंपति के अनफिट होने पर सरोगेट मां बनने की अनुमति विभाग ने दे दिया है। इसके चलते ये लखनऊ की पहली सेरोगेट मां होगी। अभी तक इससे पहले आए आवेदनों को किसी न किसी प्रकार की कमी बताकर आवेदनों को कैंसिल कर दिया जाता था। वहीं मामले को सीएमओ व डीएम आफिस से सेरोगेट मां बनने के लिए अनुमति मिल गई है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि सरोगेसी के लिए दिसंबर में ये आवेदन आया था। जिसकी सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही दंपति को अनुमति दे दी गई है।
बता दें कि परिवार इस समस्या से परेशान होकर सरोगेट मां के लिए आवेदन किया था। किसी कारणवश पत्नी की बच्चेदानी निकाली जा चुकी है। माता पिता बनने के खातिर दंपती ने किराये की कोख लेने का निर्णय लिया था। दपंती ने अपने पत्र में लिखा है कि उनकी पत्नी गर्भधारण नहीं कर सकती है। लिहाजा सरोगेसी के लिए इजाजत दी जाए।
सरोगेसी के लिए नियम
सरोगेसी के लिए दंपति को इन नियमों का पालन करना होगा । किराये की कोख के लिए रजामंदी देने वाली महिला का आवेदक का रिश्तेदार होना जरूरी है। महिला विवाहित होनी चाहिए। सरोगेट मां की उम्र कम से कम 25 साल व उसका एक बच्चा भी होना चाहिए।
सरोगेसी अधिनियम सख्ती से लागू करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित है। इसमें डीएम अध्यक्ष, सीएमओ सचिव, केजीएमयू के गाइनेकोलॉजी की विभागाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष रेडियोलॉजी, संयुक्त निदेशक अभियोजन शामिल होते हैं। ये कमेटी किराये की कोख लेने वाले आवेदकों के दस्तावेज की जांच करती है। वीडियोग्राफी भी करवाती है। तभी दंपति को सरोगेसी के लिए अनुमति देती है।