वर्षों से परेशानी झेल रहे पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के लोगों की कोई सुध नहीं ले रहा है। बरसात होते ही ट्रास शारदा क्षेत्र के हजारों लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाता है। जिला मुख्यालय पहुंचने के बाद उन्हे करीब 100 किलो मीटर अतिरिक्त जाना पड़ता है। ऐसे में लोगों पर दोहरी मार पड़ती है।
हजारा। वर्षों से परेशानी झेल रहे पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के लोगों की कोई सुध नहीं ले रहा है। बरसात होते ही ट्रास शारदा क्षेत्र के हजारों लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाता है। जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए उन्हे करीब 100 किलो मीटर अतिरिक्त जाना पड़ता है। ऐसे में लोगों पर दोहरी मार पड़ती है।
वर्षों से चली आ रही ये परेशानी किसी जनप्रतिनिधि को नहीं दिखती, जिसके कारण ट्रांस शारदा क्षेत्र के हजारों लोग आज उपेक्षा के शिकार हैं। बता दें कि, जिला मुख्यालय और पुरनपूर तहसील जाने के लिए यहां के लोगों को पांटून पुल का सहारा था लेकिन दो दिनों की बरसात में शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिसके कारण आवागमन के लिए बना पांटून पुल बह गया।
जिसके बाद शारदा पार इलाके की 16 ग्राम पंचायतों की करीब एक लाख आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह से कट गया है। बता दें कि शारदा पार इलाके में स्थित शास्त्रीनगर गांव के लोगों ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब साढ़े छह बजे शारदा नदी पर स्थित पांटून पुल बह गया।
इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई है। दो दिन से हो रही बारिश से शारदा का जलस्तर बढ़ गया है। जिसकी वजह से शारदा पार के लोगों के आवागमन को पांटून पुल बह गया है। इसी पुल से 16 ग्राम पंचायतों की करीब एक लाख आबादी आवागमन करती है। सिंचाई विभाग द्वारा पांटून पुल हर साल बनाया जाता है, पंद्रह जून तक इस पुल से आवागमन रहता है। हालांकि इस बार पुल का निर्माण एक महीने पहले ही करा दिया था।