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पीके ने कांग्रेस के ‘कायाकल्प’ का तैयार किया ये प्लान, तय की गांधी परिवार भूमिका और गढ़ा नया नारा

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कांग्रेस लीडरशिप के साथ अब तक कई मुलाकातें हो चुकी हैं। इस दौरान प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के पुनरुत्थान के लिए कई सुझाव प्रजेंटेशन के माध्यम से दिए हैं। इनमें से एक सुझाव यह भी है कि गांधी परिवार की त्रिमूर्ति कहे जाने वाले सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी में से कोई भी नेता पार्टी का अध्यक्ष न रहे। इसकी बजाय परिवार से बाहर के किसी नेता को यह जिम्मेदारी दी जाए। ऐसे में अब अहम सवाल यह उठता है कि फिर गांधी परिवार के ये नेता क्या जिम्मेदारी संभालेंगे?

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कांग्रेस लीडरशिप के साथ अब तक कई मुलाकातें हो चुकी हैं। इस दौरान प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के पुनरुत्थान के लिए कई सुझाव प्रजेंटेशन के माध्यम से दिए हैं। इनमें से एक सुझाव यह भी है कि गांधी परिवार की त्रिमूर्ति कहे जाने वाले सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी में से कोई भी नेता पार्टी का अध्यक्ष न रहे। इसकी बजाय परिवार से बाहर के किसी नेता को यह जिम्मेदारी दी जाए। ऐसे में अब अहम सवाल यह उठता है कि फिर गांधी परिवार के ये नेता क्या जिम्मेदारी संभालेंगे?

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सूत्रों ने बताया कि पीके ने सुझाव दिया है कि सोनिया गांधी यूपीएम की चेयरमैन रहें। इसके अलावा राहुल गांधी संसदीय बोर्ड के नेता बने और प्रियंका गांधी को महासचिव कॉर्डिनेशन की जिम्मेदारी दी जाए। इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया है कि कांग्रेस को गठबंधन की राजनीति पूरी आक्रामकता के साथ करनी चाहिए।

उनका कहना है कि कांग्रेस को पूर्व और दक्षिण की 200 सीटों पर फोकस करना चाहिए। इन सीटों पर भाजपा का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। यही नहीं प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को वैचारिक जमीन पर वापस लौटने का भी सुझाव दिया है। पीके का कहना है कि कांग्रेस को लोकतांत्रिक दल के तौर पर काम करना चाहिए। इसके अलावा उसे जनता को यह बताना होगा कि वह वंशवाद और भ्रष्टाचार से अलग है।

600 स्लाइड्स में तैयार किया प्रजेंटेशन

प्रशांत किशोर के करीबियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीके ने 600 स्लाइड्स तैयार की हैं। इन स्लाइड्स में बताया गया है कि जमीनी स्तर पर कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत करना होगा। उन्हें सक्रिय करना होगा। इसके लिए जरूरी यह है कि बुजुर्ग और जड़ हुए नेताओं को बाहर करना होगा।

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इसकी बजाय जिला स्तर पर नई लीडरशिप तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने कॉम्युनिकेशन सिस्टम को भी बदलना होगा। यही नहीं कुछ नारे भी पीके ने कांग्रेस को सुझाए हैं, जिनके जरिए पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभियान चलाया जा सकता है।

पीके ने मोदी के खिलाफ अभियान के लिए सुझाए नए नारे

पीके का सुझाव है कि कांग्रेस को ‘हानिकारक मोदी’ और ‘मोदी जाने वाले हैं’ के नारे पर आगे बढ़ना होगा। बता दें कि चुनावी रणनीतिकार ने सुझाव दिया कि कांग्रेस को पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों पर अटैक करना चाहिए न कि उन पर व्यक्तिगत तौर पर हमला करना चाहिए।

पीके के प्लान से जुड़ी मुख्य जानकारी

– जनता के लिए एक नई कांग्रेस का निर्माण।
– इसके मूल्यों और मूल सिद्धांतों की रक्षा करना।
– चापलुसी की भावना को खत्म करना।
– गठबंधन के मसले सुलझाना।
– प्रचलित परिवारवाद के मुकाबले के लिए ‘एक परिवार, एक टिकट’।
– सभी स्तरों पर चुनाव के माध्यम से संगठनात्मक निकायों का पुनर्गठन।
– कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति सहित सभी पदों के लिए निश्चित कार्यकाल।
– 15,000 जमीनी स्तर के नेताओं को पहचानें और उन्हें शामिल किया जाए। इसके अलावा एक करोड़ से ज्यादा कार्यकर्ता तैयार किए जाएं।
– 200 से अधिक समान विचारधारा वाले इंफ्लूएंसर, कार्यकर्ताओं और सिविल सोसाइटी के सदस्यों का एक संघ बनाया जाए।

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