पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद भी वहां की सियासत तेजी से करवटें बदल रहीं हैं। तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से बीजेपी में खलबली मची हुई है। दरअअसल, बीजेपी कार्यकर्ताओं को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। यहां पर हर दिन बीजेपी छोड़कर टीएमसी का दामन थाम रहे हैं।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद भी वहां की सियासत तेजी से करवटें बदल रहीं हैं। तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से बीजेपी में खलबली मची हुई है। दरअअसल, बीजेपी कार्यकर्ताओं को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। यहां पर हर दिन बीजेपी छोड़कर टीएमसी का दामन थाम रहे हैं।
बताया जा रहा है कि बीजेपी के 300 कार्यकर्ता टीएमसी में शामिल हुए हैं। हालांकि, बीजेपी छोड़ने वाले कार्यकर्ताओं को पहले गंगाजल से शुद्धीकरण किया गया, जिसके बाद टीएमसी में उनकी वापसी हुई। अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, बंगाल के बीरभूम में टीएमसी ऑफिस के बाहर बीजेपी के 300 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे थे।
इनकी मांग थी कि इन्हें दोबारा टीएमसी में शामिल किया जाए। धरने पर बैठे एक कार्यकर्ता अशोक मोंडल ने कहा, ‘हम चाहते हैं है कि हमें टीएमसी में वापस लिया जाए। बीजेपी में शामिल हो कर हमने अपने गांव के विकास को रोक दिया है। बीजेपी में शामिल होने से हमें कोई फायदा नहीं हुआ। उल्टा हमें नुकसान हुआ।