वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने मोदी सरकार (Modi government) पर निशाना साधा है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए मोदी सरकार (Modi government) को घेरा है। साथ ही कहा कि आरोप लगाया कि मोदी सरकार (Modi government) कैसे एजेंसियों का दरुपयोग करती है। उन्होंने कहा कि, कैसे मोदी सरकार सरकारों को गिराने, दल-बदल करने और विपक्ष को परेशान करने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग करती है।
नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने मोदी सरकार (Modi government) पर निशाना साधा है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए मोदी सरकार (Modi government) को घेरा है। साथ ही कहा कि आरोप लगाया कि मोदी सरकार (Modi government) कैसे एजेंसियों का दरुपयोग करती है। उन्होंने कहा कि, कैसे मोदी सरकार सरकारों को गिराने, दल-बदल करने और विपक्ष को परेशान करने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग करती है।
इसके साथ ही उन्होंने एक एक पोस्ट भी शेयर किया, जिसमें बिंदुवार कई नेताओं का जिक्र करते हुए उनके खिलाफ चल रही जांचों के बारे में पूछा है? सबसे पहले प्रशांत भूषण ने नारायण राणे का जिक्र किया है, जो मौजूदा समय केंद्रीय मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि उनका नाम 300 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आया था। भाजपा में शामिल होने के बाद जांच बंद कर दी गयी। इसके साथ ही शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चल रहे जांच के बारे में पूछा है।
How the Modi govt misuses the agencies to topple govts, induce defections & harass opposition pic.twitter.com/3C7q1BqXY5
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) February 28, 2023
उनका कहना है कि नारद घोटाले में आरोपी शुभेंदु के भाजपा में शामिल होन के बाद जांच को बंद कर दिया गया। प्रशांत भूषण का आरोप है कि, हिमंत बिस्वा सरमा के के खिलाफ चल रही जांच को भी बंद कर दिया गया है। अपने ट्वीट में उन्होंने भावना गवली का भी जिक्र किया है।
उन्होंने कहा कि, भावना गवली सांसद शिंदे सेना के खिलाफ ईडी की नोटिस का भी जिक्र किया और कहा कि अब वह अब लोकसभा में शिंदे सेना की मुख्य सचेतक हैं। साथ ही प्रशांत भूषण ने पूछा है कि, यशवंत जाधव और विधायक यामिनी जाधव-युगल फेमा उल्लंघन के लिए ईडी जांच के दायरे में थे। अब शिंदे सेना के साथ। केस का क्या हुआ?