एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी (MLC Akshay Pratap Singh alias Gopalji) पर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) की पत्नी भानवी कुमारी सिंह (Bhanvi Kumari Singh) ने बीते रविवार को FIR दर्ज कराई है। राजा भैया की पत्नी ने अक्षय प्रताप सिंह पर साजिश और धोखाधड़ी का नई दिल्ली में केस दर्ज कराया है।
प्रतापगढ़। एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी (MLC Akshay Pratap Singh alias Gopalji) पर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) की पत्नी भानवी कुमारी सिंह (Bhanvi Kumari Singh) ने बीते रविवार को FIR दर्ज कराई है। राजा भैया की पत्नी ने अक्षय प्रताप सिंह पर साजिश और धोखाधड़ी का नई दिल्ली में केस दर्ज कराया है।
अक्षय प्रताप सिंह (Akshay Pratap Singh) जनपद की कुंडा विधानसभा सीट (Kunda Assembly Seat) से लगातार सातवीं बार विधायक बने एवं पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) के करीबी माने जाने वाले हैं। राजा भैया की पत्नी के एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह (MLC Akshay Pratap Singh alias Gopalji) पर केस दर्ज कराने से सियासी पारा चढ़ गया है।
बता दें कि यूपी की राजनीति में अपना अलग स्थान रखने वाले विधायक रघुराज प्रताप सिंह की पत्नी भानवी कुमारी सिंह (Bhanvi Kumari Singh) अक्षय प्रताप सिंह पर केस दर्ज करवाकर चर्चे में आ गईं हैं। भानवी कुमारी सिंह (Bhanvi Kumari Singh) ने अक्षय प्रताप सिंह (Akshay Pratap Singh ) सहित 5 अन्य के खिलाफ नई दिल्ली के EOW थाने में केस दर्ज कराया है। उन्होंने MLC पर फर्जीवाड़े समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है। भानवी कुमारी सिंह द्वारा केस दर्ज मामले में क्राइम नंबर 13/2023 में भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468, 471, 109 और 120बी लगाई गई है।
एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी (MLC Akshay Pratap Singh alias Gopalji) सुलतानपुर में जामो के मूल निवासी हैं। अक्षय प्रताप सिंह (Akshay Pratap Singh ) 3 बार MLC और एक बार सांसद रह चुके हैं। एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह (MLC Akshay Pratap Singh )ने प्रतापगढ़ शहर में रोडवेज बस अड्डे के पते पर शस्त्र लाइसेंस लिया था। इस मामले में वर्ष 1997 में तत्कालीन नगर कोतवाल डीपी शुक्ला ने नगर कोतवाली में अक्षय प्रताप सिंह (Akshay Pratap Singh )के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें उन्हें कोर्ट ने सजा सुनाई थी। हालांकि, सजा के बाद उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दी थी।